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अकाली दल का पाकिस्तान पर गंभीर आरोप, रची जा रही सिखों को बदनाम करने की साजिश

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नई दिल्ली । शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने पाकिस्तान पर सिखों को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान गए सिख श्रद्धालुओं को भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों से मिलने नहीं दिया गया।

वहीं, पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारी द्वारा आतंकी हाफिज सईद की प्रशंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना सिखों की छवि खराब करने की कोशिश है।

शिअद बादल के प्रवक्ता व डीएसजीपीसी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिख भाईचारे के खिलाफ साजिश रची जा रही है। ऐसा कर श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर भारत और पाकिस्तान के संबंधों को तनावपूर्ण करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि जल्द ही शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलेगा।

उनसे उचित मंच पर इस मामले को उठाने की अपील करेगा जिससे कि पाकिस्तान जाने वाले सिख श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसे लेकर उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी पत्र लिखा है। बकौल सिरसा, 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषियों को सजा दिलाने सहित अन्य मामले से सिखों में रोष है लेकिन वे इसका हल भारतीय संविधान के तहत कराएंगे। इसमें पाकिस्तान की दखलंदाजी सिख बर्दाश्त नहीं करेंगे।

यहां पर बता दें कि भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्‍तान कई हथकंडे अपना रहा है। इनमें से एक है सिख आतंकियों को बढ़ावा देना। कुछ फोटोग्राफिक सबूत सामने आए हैं, जिनमें यह दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) और जमात-उद-दाव भारत को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से सिख आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं। लश्‍कर के प्रमुख हाफिज सईद को हाल ही में सिख आतंकी नेता गोपाल सिंह चावला के साथ लाहौर में देखा गया।

गोपाल सिंह चावला ने हाल ही में पाकिस्‍तान के इशारे पर भारतीय दूतावास के अधिकारी को बैसाखी के मौके पर गुरुद्वारा पंजा साहिब में जाने से रोका था। इससे पहले 12 अप्रैल को भारतीय दूतावास के अधिकारियों को भारत से आए सिख तीर्थयात्रियों से वाघा स्‍टेशन पर मिलने से रोका गया। भारत की सीमा पार करने के बाद पाकिस्‍तान में पहला रेलवे स्‍टेशन वाघा पड़ता है।

भारत ने पाक की इस हरकत पर आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘भारतीय राजनयिकों की टीम सिख यात्रियों से वाघा रेलवे स्टेशन पर 12 अप्रैल को पहुंचने के बाद भी नहीं मिल सकी।

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