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अलनीनो के प्रभाव के कारण इस बार नहीं सताएगी दिल्ली की सर्दी

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नई दिल्ली : दिल्ली सहित देश के सभी हिस्सों में इस साल सर्दी का मौसम कुछ गर्म रह सकता है, क्योंकि पूर्वी प्रशांत महासागर में अलनीनो विकसित हो गया है।

सर्दी के मौसम में जब अलनीनो सक्रिय होता है तो भारत सहित सभी एशियाई क्षेत्र भी प्रभावित होते हैं। दिल्ली में भी इस मौसम में अबतक तापमान ज्यादा ही दर्ज हुआ है।

मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया है कि अलनीनो के सक्रिय होने से पूर्वी प्रशांत महासागर का तापमान बढ़ गया है। समुद्री सतह का तापमान बढ़ता है तो इसका असर भारतीय महासागर में भी होता है। इसकारण बादल भी कम बनते हैं।

बादल कम बनने के कारण तापमान में बढ़ोतरी होती है। केजे.रमेश ने कहा है कि पिछले दो से तीन वर्षो से सर्दी में दिल्ली सहित देश के अधिकतर क्षेत्रों में तापमान बढ़ा है और सर्दी का एहसास भी कम हुआ है।हालांकि, उन्होंने इसका कारक जलवायु परिवर्तन को बताया है।

कहा है कि अलनीनो सक्रिय हुआ है, लेकिन इसकी विस्तृत रिपोर्ट अक्टूबर के अंत में या नवंबर की शुरुआत में मौसम विभाग की तरफ से जारी की जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि इसका सर्दी में क्या असर पड़ेगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में शनिवार के दिन पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज हुआ। शुक्रवार के दिन इसका स्तर 154 था। एक ही दिन में प्रदूषण के स्तर में 108 अंकों की बढ़ोतरी हुई। भू विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर के निदेशक डॉ. गुफरान बेग के अनुसार दिल्ली में अभी हवा कम रफ्तार से चल रही है।

शनिवार को हवा की रफ्तार दो किलोमीटर प्रति घंटे से भी कम दर्ज की गई। इस वजह से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। अगले दो दिनों में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कण और भी बढ़ सकते हैं।

इसका मूल कारण है कि हवा नहीं चल पाने की वजह से प्रदूषित कण एक ही जगह ठहर जा रहे हैं। इसलिए यह पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में ज्यादा दर्ज हो रहे हैं।

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