वाशिंगटन : यह दुनिया में फिर से शीत युद्ध शुरू होने की आहट है। अमेरिका ने सोमवार को रूस के 60 राजनयिक देश से निष्कासित कर दिए। इनमें से 12 संयुक्त राष्ट्र में तैनात हैं। साथ ही सिएटल स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड समेत 14 देशों ने भी रूस के 36 राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया। ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिक निष्कासित कर चुका है। ट्रंप प्रशासन और अन्य देशों ने यह कार्रवाई राजनयिकों की आड़ में खुफिया अधिकारियों के कार्य करने के शक में की है। ये कार्रवाई ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस पर केमिकल अटैक के बाद हुई हैं।
ब्रिटेन ने हमले के लिए रूस को दोषी ठहराया है जबकि रूस ने आरोप का खंडन किया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही सिएटल स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास को भी बंद करने का आदेश दिया है। सिएटल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वहां अमेरिका का बड़ा पनडुब्बी अड्डा और बोइंग का मुख्यालय है।
समझौते के तहत ब्रिटेन आए थे स्कि्रपल
स्कि्रपल पर रूसी गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश की खुफिया संस्था एमआइ 6 को बेचने का आरोप लगाकर रूस ने उन्हें 13 साल के कारावास की सजा दी थी। सन 2010 में ब्रिटेन और रूस में हुए एक समझौते के बाद स्कि्रपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए और सेल्सबरी में रहने लगे। पूर्व रूसी जासूस और उनकी बेटी ने अब ब्रिटेन की नागरिकता ले ली है। सेल्सबरी में ही स्कि्रपल पर बीती चार मार्च को केमिकल अटैक हुआ।
कुछ और अधिकारी हो सकते हैं निष्कासित
ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया कि निकट भविष्य में वह कुछ और रूसी अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकता है। प्रशासन का मानना है कि 100 रूसी खुफिया अधिकारी अमेरिका में तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने बताया कि निष्कासित 12 रूसी जासूसों (राजनयिकों) को अमेरिका से बाहर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में तैनात राजनयिकों पर अमेरिकी कानून लागू होते हैं। हेली ने कहा, सीरिया में अत्याचार और यूक्रेन में अवैध गतिविधियों के बाद रूस अब अमेरिका के निकट सहयोगी देशों में रासायनिक हमले करा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र परिसर को भी रूस ने अपनी खतरनाक गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना रखा है।
यूरोप के 14 देशों से भी निष्कासन
अमेरिका के साथ ही सोमवार को यूरोपीय यूनियन के 14 देशों ने रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने की कार्रवाई की। जर्मनी, फ्रांस और पोलैंड ने चार-चार, चेक गणराज्य और लिथुआनिया ने तीन-तीन रूसी राजनयिक निष्कासित किए हैं। जबकि इटली, डेनमार्क, नीदरलैंड्स ने दो-दो और लातविया ने एक रूसी राजनयिक निष्कासित किया है। इसके अतिरिक्त भी कई देशों ने एकजुटता दिखाते हुए एक-एक रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया है।
क्या था शीत युद्ध काल
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और रूस के राजनीतिक और आर्थिक हितों का टकराव शुरू हो गया। इसी के बाद अमेरिका और रूस की प्रमुखता सोवियत संघ में पूरी दुनिया को दो हिस्सों में बांटने की होड़ लग गई। सन 1990 तक दुनिया के ज्यादातर देश इन्हीं दोनों महाशक्तियों के बीच बंटे रहे और उनके बीच घात-प्रतिघात होता रहा। सोवियत संघ के विखंडन से यह शीत युद्ध खत्म हुआ और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बन गया।
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