PBK NEWS | रोहतक । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हरियाणा दौरे का आखिरी दिन पार्टी वर्करों के नाम रहा। तीन दिन की मंथन बैठकों के बाद मिले फीडबैक के आधार पर शाह ने मंत्रियों की कार्यकर्ताओं के प्रति जवाबदेही तय कर दी। सभी मंत्रियों को अब कार्यकर्ताओं की अनिवार्य तौर पर सुनवाई करनी होगी। इसके लिए मंत्रियों को हर मंगलवार और बुधवार सप्ताह में दो दिन चंडीगढ़ कार्यालय में बैठने के निर्देश दिए गए। साथ ही हर माह एक दिन फील्ड में रहना होगा। यानी महीने के नौ दिन मंत्रियों की व्यस्तताएं अब पार्टी वर्करों व पदाधिकारियों के लिए होंगी।
भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भी निर्देश दिया कि वे खुद हर जिले में दो दिन गुजार कर वहां के लोगों से मिलें और उनकी समस्याओं को हल कराएं। हालांकि सीएम ने पहले ही यह कार्यक्रम शुरू कर रखा है। अभी तक मंत्री सिर्फ मंगलवार को ही चंडीगढ़ में मिलते थे, मगर कार्यकर्ताओं की सुनवाई को लेकर उनकी जवाबदेही तय नहीं थी। मंत्रियों का अधिकतर समय साप्ताहिक बैठक में खत्म हो जाता था और इसके बाद मंत्री आगे-आगे और कार्यकर्ता पीछे-पीछे। मंत्रियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने का मुद्दा जब अमित शाह के सामने आया तो उन्होंने कार्यकर्ताओं की जोरदार पैरवी की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन की मौजूदगी में शाह ने कहा कि सप्ताह के दोनों दिन मंत्री तब तक अपना कार्यालय नहीं छोड़ेंगे, जब तक सभी कार्यकर्ताओं की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। सुनवाई करते हुए यदि उन्हें अधिक समय लग जाए तो मंत्री टिफिन अपने कार्यालय में ही मंगवा लें। उन्हें कार्यकर्ताओं को बिना सुनवाई के वापस भेजने की इजाजत नहीं होगी।
शाह ने कार्यकर्ताओं को भी सलाह दी कि वे बाकी दिनों में चंडीगढ़ न जाएं क्योंकि सरकार के काम भी करने होते हैैं। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे महीने में कम से कम एक बार अपने जिले में पूरे दिन कार्यकर्ताओं के साथ बिताएं। इससे उन्हें अपनेपन का अहसास होगा और कार्यकर्ताओं के माध्यम से आने वाली समसयाएं हल हो सकेंगी।
मंत्रियों ने तय कर रखी मिलने वालों की संख्या, अब होगा बदलाव
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का यह मूल मंत्र अगले चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कार्यकर्ता जब चंडीगढ़ जाते हैैं तो उनके लिए सचिवालय में मंत्री के कार्यालय तक पहुंचना महाभारत से कम नहीं है। इसके लिए पार्टी कार्यालय से पास बनवाए जाने की व्यवस्था है, मगर सचिवालय में सीधे तौर पर कोई पास नहीं बनाया जाता। मंत्रियों ने तो अपने कार्यालय में मिलने वाले लोगों की संख्या भी तय कर रखी है। एक दिन में 50 से ज्यादा व्यक्तियों के मिलने की अनुमति नहीं। शाह के निर्देशों के बाद अब पास बनाने और मंत्री से मिलने के लिए लोगों की संख्या में भी बदलाव करना पड़ेगा।
खुले रहेंगे मंत्रियों के दरवाजे
भाजपा प्रमुख शाह ने साफ कर दिया कि कार्यकर्ताओं को दोनों दिन मंत्री से मुलाकात के लिए समय लेने की जरूरत नहीं है। आज तय किए गए दो दिनों के अलावा भी कार्यकर्ता जब चाहें मंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। मंत्रियों के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले रहेंगे।
हरियाणा में अपराजित देखना चाहता हूं भाजपा को
अमित शाह ने हरियाणा में पहली बार सत्ता संभाल रही सरकार की तरफ संकेत करते हुए कहा कि अब तक जो हुआ अच्छा हुआ, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है और भाजपा को हरियाणा में अपराजित बनाना है। इसके लिए सरकार के अच्छे काम भी जनता के बीच ले जाने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं की है।
जिलों में हाजरी लगाने की बजाय अपना काम करें
कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाने की जिम्मेदारी लेते हुए शाह ने कहा कि आमतौर पर यह देखने में आया है कि जिलों व हलकों में मंत्रियों के कार्यक्रमों के दौरान कार्यकर्ता वहां पहुंच जाते हैं जिससे उनके कार्यक्रम में दिक्कतें पैदा होती हैं। बेहतर होगा कि जिला व हल्का स्तरीय नेता मंत्रियों की हाजरी लगाने की बजाय अपने क्षेत्रों में रहकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करें।
सीएम, बराला और अनिल जैन से बंद कमरे में गुफ्तगू
भाजपा अध्यक्ष शाह ने तीन दिन के मंथन के बाद भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के साथ गुफ्तगू की। शाह ने अगले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पार्टी का चेहरा घोषित कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वे सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलें। शाह ने संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट के साथ भी बैठक की। इस बैठक में उन्होंने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वर्करों द्वारा उठाए मुद्दों पर संगठन व सरकार से जवाब तलब किया।
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