PBK NEWS | श्रीनगर : कश्मीर में अलकायदा के एलान और आइएस (इस्लामिक स्टेट) के बढ़ते प्रभाव से इन्कार करते हुए रविवार को जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना ने दावा किया कि कश्मीर में इन खूंखार आतंकी संगठनों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने इस साल 190 आतंकियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी भी लगभग 200 आतंकी कश्मीर में सक्रिय हैं।
चिनार कोर मुख्यालय में सेना की 15कोर के जीओसी लफ्टिनेंट जनरल जेएस संधु व राज्य के पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कश्मीर के जल्द आतंकवाद व नशा मुक्त होने की उम्मीद जताई। इस मौके पर आइजी (पुलिस महानिरीक्षक), कश्मीर मुनीर अहमद खान, विक्टर फोर्स के जीओसी-इन-सी मेजर जनरल बीएस राजू और आइजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन भी मौजूद थे। शनिवार को बांडीपोर में लश्कर के छह शीर्ष कमांडरों के मारे जाने को बड़ी कामयाबी बताते हुए संधु ने कहा कि कश्मीर में लश्कर के नेतृत्व का लगभग सफाया हो गया है।
मारे गए आतंकियों में जरगाम, महमूद भाई और लखवी के भतीजे उबैद उर्फ उसामा भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम अपना आतंकरोधी अभियान जारी रखेंगे ताकि कश्मीर में जल्द शांति बहाल हो। हाल ही में माजिद इरशाद खान के आत्मसमर्पण संबंधी सवाल और नए आतंकियों की भर्ती से संबधित सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम दो मोर्चाें पर काम कर रहे हैं। हम स्थानीय आतंकियों को पकड़ने, उनके आत्मसमर्पण व घर वापसी के प्रयास करते हुए नए लड़कों को आतंकी बनने से रोक रहे हैं। दूसरा आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी नौजवानों को पाकिस्तान का एजेंट नहीं बनना चाहिए। उन्हें समझ होनी चाहिए कि पाकिस्तान उनका इस्तेमाल कर रहा है।
इसी दौरान जब गत शुक्रवार को जकूरा क्षेत्र में मारे गए आतंकी मुगीस अहमद के आइएस से जुड़े होने के संदर्भ में पूछा गया तो पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने सीधे शब्दों में इन्कार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। कश्मीर में अल कायदा या आइएस का कोई आधार नहीं है। वहीं कश्मीर में जारी ऑपरेशन ऑल आऊट के बारे में संधु ने कहा कि इस साल अब तक 190 आतंकी मारे गए हैं। इनमें से 80 स्थानीय हैं, जबकि 110 विदेशी आतंकियों में से 66 एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर घुसपैठ की कोशिश करते हुए मारे गए हैं। इस समय भी कश्मीर में 200 आतंकी सक्रिय हैं। उनमें आधे से ज्यादा स्थानीय आतंकी हैं।
मददगार की लें मदद
आइजी, सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन ने कहा कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरे समन्वय से काम कर रही हैं। इसलिए आतंकियों के खिलाफ अभियान कामयाब हो रहे हैं। हम स्थानीय आतंकियों के आत्मसमर्पण और उनकी घर वापसी का प्रयास कर रहे हैं। कई स्थानीय आतंकी मुख्यधारा में शामिल होने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें रास्ता नजर नहीं आ रहा है। वे खुद या उनके दोस्त या परिजन किसी भी समय सीआरपीएफ की हेल्पलाइन मददगार पर संपर्क कर सकते हैं। पुलिस और सेना की हेल्पलाइन की मदद भी ले सकते हैं।
60 युवकों को आतंकी बनने से रोका गया
पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां सिर्फ आतंकियों को मार गिराने में सक्रिय नहीं हैं। स्थानीय युवकों को पकड़ने, उनके आत्मसमर्पण को यकीनी बनाने से लेकर नए लड़कों को आतंकी संगठनों में शामिल होने से रोकने के मोर्चे पर काम किया जा रहा है। इस साल हमने 60 लड़कों को आतंकी संगठनों की चंगुल से बचाया है।
शव ले जाएं, आखिरी बार चेहरा देख लें: वैद
पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने हाजिन (बांडीपोर) मुठभेड़ में जकी उर रहमान लखवी के भतीजे व अब्दुल रहमान मक्की के पुत्र उबैद की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी छह आतंकी पाकिस्तानी ही थे। हम चाहते हैं कि उनके घर वाले उनको आखिरी बार जरूर देखें और यही इंसानियत है। इसलिए हमारा आग्रह है कि वे शव ले जाएं और अपने इलाके में उन्हें दफन करें।
News Source: jagran.com
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