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असफल हो रहे हैं तो दें दूसरों को बताएं सफल होने की युक्तियां, बढ़ेगी सफलता की संभावना

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वाशिंगटन : अगर आप किसी काम को पूरा करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें सफल नहीं हो रहे हैं, तो आप उस काम के बारे में दूसरों को सलाह देना शुरू कर दीजिए। इस तरह आपके खुद के सफल होने की संभावना 65 फीसदी ज्यादा बढ़ जाती है। इसे सेल्फ हेल्प थेरेपी नाम दिया गया है।

यह बात एक शोध में सामने आई है। हाल ही में 2 हजार से ज्यादा लोगों पर एक शोध किया गया है। जिसके यह नतीजा सामने आया है। यह शोध अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने मिलकर किया है। शोध का मुख्य आधार मोटिवेशन से जुड़ा था। शोधकर्ताओं द्वाया यह शोध यह जानने के लिए किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति बार-बार मिल रही असफलताओं से निराश है

तो उसे प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है। इस सवाल का जवाब ढूंढते-ढूंढते शोधकर्ता अनोखे नतीजे पर जा पहुंचे। शोध में पता चला, भले ही कोई व्यक्ति खुद असफल हो रहा हो, लेकिन जब वह किसी और को सलाह देता है तो खुद-ब-खुद उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही वह दूसरों को जो सलाह दे रहा है,

वह उसके अवचेतन या अचेतन दिमाग तक पहुंचती है। इन बातों का असर उस सलाह देने वाले व्यक्ति के व्यवहार और परिणामों में भी दिखने लगता है। इसी वजह से उसके सफल होने की संभावना 65 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाती है। रिसर्च के नतीजों में 68 फीसदी बेरोजगार लोगों ने कहा, दूसरों को नौकरी तलाशने के रास्ते बताने के बाद उनको भी नौकरी ढूंढना पहले से आसान लगने लगा। वहीं 72 फीसदी लोग ऐसे थे, जिनके पास पैसा आ तो रहा था, लेकिन बच नहीं रहा था।
इन लोगों ने जब किसी प्रोफेशनल बैंकर की तरह दूसरों को मनी-मैनेजमेंट टिप्स दिए, तो इनको भी पैसे बचाने के रास्ते मिलने लगे। 77 फीसदी लोग गुस्सा काबू नहीं कर पा रहे थे। दूसरों को गुस्सा रोकने के टिप्स देने पर उनका दिमाग भी शांत हुआ। 72 फीसदी लोगों ने इसी तरह से खुद को फिटनेस के लिए मोटिवेट किया।

रिसर्च टीम में शामिल डॉ. फिशबैच ने कहा असफलता मिलने पर लोग दूसरों से सफल होने की सलाह लेते हैं, लेकिन हमने अपने शोध में निराश और असफल लोगों को सलाह लेने की जगह देने को कहा। आप असफल हैं, तो मुमकिन है कि कई लोग आपकी बात न मानें,

लेकिन अगर वह आपकी बात सुन भर लें तो ये भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हम दूसरों को मदद ऑफर करते हैं, लेकिन असल में खुद की मदद कर रहे होते हैं। तभी इसे सेल्फ हेल्प थेरेपी का नाम दिया गया है।

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