अशोका इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 67 में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस मौके पर कक्षा तीसरी से कक्षा बारहवीं तक के छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने वुडन बोर्ड से मॉडल तैयार किए। जहां विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया, उन्होंने विद्यार्थियों के प्रारूपों की सराहना की बच्चों ने जल संरक्षण सोर ऊर्जा अंतरिक्ष स्वस्थ मशीनों के बारे में मॉडल बनाए और खुद उनको सभी अभिभावकों को समझाया। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य ने भी भाग लिया। प्रधानाचार्य शशि यादव ने विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया, उन्होंने सभी अध्यापकों और अभिभावकों का मार्गदर्शन भी किया और उनकी काफी सराहना की। कक्षा 9वीं 10वीं 11वीं 12वीं के छात्रों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम स्कूल के प्रांगण में हुआ छात्र छात्राओं ने उत्साह पूर्वक अपनी प्रतिभा का और वैज्ञानिक खोज का प्रदर्शन किया। इसकी सभी ने सराहना की अभिभावकों ने भी आकर छात्र-छात्राओं का उत्साह बढ़ाया। इस प्रकार के मेले अगर हमारे देश में लगते रहे तो उसके लिए हमारे स्कूल के बच्चों की सराहना होती रहेगी। और विज्ञान में भी काफी लाभ होता रहेगा। आज हमारे देश में नौजवान बच्चे छोटी सी उम्र से ही यह सब कर रहे हैं नए नए अविष्कार कर रही है अब हमारे को किसी भी चीज के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा बल्कि विदेशों में भी भारतीयों के बने खिलौने गाड़ियां मशीनें मिलेगी।
बहुत अच्छा नजारा था जैसे ही अशोका इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश किया। छोटे-छोटे दूसरी तीसरी चौथी पांचवी के बच्चे शेर भालू बकरी बने हुए थे, जोकि यह दर्शा रहे थे कि कैसे फूड चेन बनती है। कैसे एक एनिमल दूसरे एनिमल पर अटैक करता है और दूसरा तीसरे पर आठवीं कक्षा की छात्र सुशांत प्रेम सागर इतने लेजर लाइट पर प्रोजेक्ट तैयार किया। कृष्णा, अंकुर तंवर, सुमित ऑटोमेटिक मशीन तैयार किया। कक्षा 9वी और कक्षा दसवीं के पीयूष रिया रवीना अर्पित इन्होंने स्मार्ट सिटी पर तैयार किया। इस प्रकार यह प्रतीत होता है कि यदि सभी स्कूलों में ऐसा कदम उठाया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश में विज्ञान के देश में प्रगति करेगा और विज्ञान हमारे लिए एक वरदान साबित होगा।
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