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असम और पश्चिम बंगाल में ज्यादातर बांग्लादेशी ने की घुसपैठ : सतीश नवादा

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गुड़गांव 19, अगस्त (अजय) : सबसे ज्यादा बांग्लादेशी असम और पश्चिम बंगाल आए। इसके अलावा वे बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और राजस्थान आदि में भी काफी संख्या में फैल गए। भारत में कुल कितने बांग्लादेशी आए, इसके बारे में आधिकारिक आंकड़े माधव गोडबोले ने पेश किए थे, जो सीमा प्रबंधन पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख थे। उनकी ओर से केंद्र सरकार को अगस्त 2000 में दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि 1.5 करोड़ बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से घुस चुके हैैं। उनका आकलन था कि करीब तीन लाख बांग्लादेशी हर वर्ष भारत में घुसपैठ कर रहे हैैं। गोडबोले ने अपनी रिपोर्ट में इस पर खेद जताया कि किसी भी सरकार ने इससे निपटने का गंभीर प्रयास नहीं किया। राजनीतिक वर्ग को सारे तथ्य पता थे, परंतु उसने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। गोडबोले ने चेतावनी दी थी कि यह घुसपैठ देश की सुरक्षा, आर्थिक प्रगति और सामाजिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा है।

महंगाई लगातार बढ़ रही है और जून में ही यह 5 फीसदी के पार चली गई थी। ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इस साल लगभग 20 फीसदी बढ़ चुकी हैं। मई में तो क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से भी ऊपर चला गया था, जो 2014 के बाद से इसकी सबसे ऊंची कीमत है। इसके चलते केंद्र सरकार के आयात बिल में भारी इजाफा हुआ है। रुपये का स्तर भी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर चल रहा है। इस कैलेंडर वर्ष में रुपया 7 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया 69.13 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला आया था। इन दोनों वजहों से रिजर्व बैंक को आयातित महंगाई का डर सता रहा है। इस साल अच्छे मॉनसून की सूचना से महंगाई में राहत की उम्मीद की जाती रही है, लेकिन इस मामले में भी अभी तक के आंकड़े अधिक आशावादी होने की इजाजत नहीं देते। मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में जरूरत से कम या ज्यादा बारिश दर्ज करते हुए मॉनसून का पैटर्न असंतुलित रहने के संकेत दिए हैं। अब तक पूरे देश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई है और अगस्त में मॉनसून की चाल कमजोर रहने के अंदेशे से खरीफ के बूते महंगाई थामने की उम्मीद सुस्त पड़ी है।

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