PBK NEWS | जम्मू : जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू में चक्का जाम व बंद के बीच सोमवार को राज्य सरकार के दरबार (सचिवालय) ने काम करना शुरू कर दिया। श्रीनगर में 27 अक्टूबर से बंद हुआ दरबार अब जम्मू में अगले वर्ष अप्रैल तक काम करेगा।
कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह जम्मू सचिवालय पहुंचीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का जोरदार स्वागत हुआ। जम्मू में पहले ही दिन मंत्रियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वे प्राथमिकता के आधार पर लोगों के मसलों को हल करें। दरबार मूव के लिए नौ दिनों के ब्रेक के बाद विभागों ने जम्मू से काम करना शुरू कर दिया।
वहीं जम्मू में छह महीने बाद दरबार खुलने के पहले दिन विपक्ष ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में एकजुटता दिखा माहौल को खूब गर्माया। सचिवालय में जहां मुख्यमंत्री के समर्थन में नारे बुलंद हुए तो शहर विपक्ष के नारों से गूंजा। व्यापारियों व ट्रांसपोर्टरों के आह्वान पर जम्मू बंद व चक्का जाम को कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस व पैंथर्स पार्टी का समर्थन रहा। प्रदर्शन दोपहर दो बजे तक चले।
इससे पहले सोमवार को सचिवालय पहुंचीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साढ़े नौ बजे जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते के गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। पहले दिन मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने के साथ मंत्रियों के कार्यालयों में जाकर उनसे बातचीत भी की।
कांग्रेस का हल्ला बोल, गिरफ्तारियां दीं
जम्मू में दरबार खुलने के पहले ही दिन सोमवार को पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दीं। पुलिस के साथ धक्कामुक्की में पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। एक को अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। वहीं गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को बाद में छोड़ दिया गया।
बंद का मिला-जुला असर
जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में टोल टैक्स लेने के विरोध में चैंबर ऑफ ट्रेडर्स फेडरेशन के सोमवार के जम्मू बंद का मिला-जुला असर रहा। पुराने शहर में जहां कुछ बाजार बंद रहे, वहीं अन्य जगहों पर दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। ट्रांसपोर्टरों की चक्का जाम हड़ताल के कारण शहर में दिन भर कोई भी सार्वजनिक वाहन नहीं चला।
News Source:- www.jagran.com
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