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अयोध्या विवाद पर केंद्र सरकार के SC कोर्ट पहुँचने पर भाजपा समर्थकों ने जताई ख़ुशी

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केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए SC में जमीन लौटाने की अर्जी दाखिल की है

गुड़गांव (अजय) : लम्बे समय से राममन्दिर निर्माण के मुद्दे पर घिरती नजर आ रही केंद्र सरकार द्वारा बड़ा दाव चलते हुए राम मन्दिर पक्ष में उस जमीन को लौटाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है जोकि विवादित नही है लोगों का कहना है कि इससे सरकार की राम मन्दिर निर्माण को लेकर साकारात्मक सोच निकल कर सामने आई है इस विषय में भाजपा नेता कल्याण चौहान, प्रो. हंसराज यादव, रामबीर भाटी, सतीश यादव, बबिता यादव, रोबिन राव का कहना है कि सरकार का यह कदम सरहनीय है इससे राम मन्दिर निर्माण को लेकर सरकार की नियम साफ़ है कि वह राम मन्दिर निर्माण को लेकर हर सम्भव प्रयास में जुटी है

उन्होंने बताया कि अयोध्या मामले में केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हिन्दू पक्षकारों की भूमि रामजन्मभूमि न्यास को देने का आदेश दें। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि राम जन्मभूमि मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राम जन्मभूमि विवाद मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चला है। केंद्र इस केस में आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सरकार ने अयोध्या विवाद मामले में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन को लौटने की मांग की है और इस पर जारी यथास्थिति हटाने की मांग की है। सरकार ने अपनी अर्जी में 67 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्सा सौंपने की अर्जी दी है। सरकार के इस कदम का हिंदूवादी संगठनों ने स्वागत किया है।

1993 में केंद्र सरकार ने अयोध्या अधिग्रहण ऐक्ट के तहत विवादित स्थल और आसपास की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था और पहले से जमीन विवाद को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था। सरकार के इस ऐक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने इस्माइल फारुखी जजमेंट में 1994 में तमाम दावेदारी वाले सूट (अर्जी) को बहाल कर दिया था और जमीन केंद्र सरकार के पास ही रखने को कहा था और निर्देश दिया था कि जिसके फेवर में अदालत का फैसला आता है, जमीन उसे दी जाएगी।

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