सिद्ध योग मार्ग के एक माहन्तं आचार्य ने अपनी दिव्य देह का त्याग कर भगवती से हुए एकाकार विश्वख्यात बाबा जानी चुनरी बाला माताजी अम्बा जी शक्ति पीठ गुजरात स्थित गब्बर की पहाड़ी के निकट एक प्राचनितम शेषनाग रूपी गुफा में गत लगभग 20 वर्षो में साधनारत थे। अधिवक्ता अजय कांडा ने बताया कि बाबा जानी 8 वर्ष की आयु में अपना ग्रह त्याग कर दुर्गम स्थानों पर जपतप साधना किया करते थे। बिना अन्न जल ग्रहण किये अपनी 92 वर्ष तक अपनी दिव्य देह के साथ रहे। विश्व भर के डॉक्टरों द्वारा उनपर इस बात को लेकर बार बार परीक्षण भी किया और स्थापित भी किया कि विश्व मे डाकमात्र पवनहारी व स्वस्थ है। गत 25 मई को देर रात उनकी दिव्य देह को विधि पूर्वक समाधि उनके गब्बर स्थित आश्रम आश्रम में अम्बा जी गुजरात में दी गई जाएगी।
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