गुरुग्राम। गांव सिकंदरपुर बढ़ा में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा खंडित करने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। सिकंदरपुर बढ़ा स्थित डॉ० भीमराव अम्बेडकर भवन में गत 26 जनवरी को बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई थी। परंतु कुछ असामाजिक तत्वों ने 28 जनवरी को बाबा साहब की प्रतिमा को रात के समय खंडित कर दिया था जिससे आक्रोशित ग्रामीण और सामाजिक संगठन प्रशासन पर प्रतिमा लगवाने का दवाब बना रहे थे।
भारतीय सामाजिक संगठन निगाहें (एक नया बदलाव) ने गुरुग्राम प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। गुरुग्राम प्रशासन ने आनन-फानन में डॉ० अम्बेडकर की प्रतिमा को तैयार कराकर स्थापित तो करा दिया जिसका अनावरण जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह द्वारा किया जाना था। इसके लिए बाकायदा प्रशासन ने जिला उपायुक्त के नाम से शिलान्यास पत्थर भी तैयार करवाकर लगवाया। वीरवार को तय समय के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी, आस-पास के लगभग 35 गांवों के मौजिज लोग और निगाहें संगठन के पदाधिकारी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हुए। परंतु तय समय के अनुसार जिला उपायुक्त कार्यक्रम में नहीं पहुंचें। लोगों ने दोपहर 2 बजे तक जिला उपायुक्त का इंतज़ार किया। परन्तु उपायुक्त कार्यालय से कोई सूचना नहीं दी गई। जिससे लोगों में काफी आक्रोश है।
कार्यक्रम में पहुंचे एसडीएम भारत भूषण गोगिया ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि जिला उपायुक्त महोदय मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गुड़गांव के शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के परिवार से मिलने वीरवार को ही पहुंचे हैं। इस पर लोगों ने एसडीएम को ही प्रतिमा का अनावरण करने की प्रार्थना की लेकिन एसडीएम भारत भूषण ने इसके लिए यह कहकर मना कर दिया कि अनावरण करने के लिए उनके पास अधिकारियों से कोई आदेश नहीं है। लोगों को संबोधित करते हुए सामाजिक संगठन निगाहें (एक नया बदलाव) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने प्रशासनिक अधिकारियों से प्रार्थना की कि समय निर्धारित करके जल्द से जल्द बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण कराया जाए। नवाब सतपाल तंवर ने यह भी सवाल उठाया कि जब ग्राम पंचायत ने अनुसूचित चौपाल और अम्बेडकर भवन के लिए इस जमीन को अलॉट किया है तो अंदरखाने बंदरबाट करके यह जमीन आखिर कैसे एनिमल हॉस्पिटल के नाम कर दी गई। इसके लिए तंवर ने जांच कमेटी बनाकर दोषियों को सजा देने की मांग भी की। तंवर ने बताया कि ग्राम पंचायत को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी भी सरकारी विभाग को जमीन अलॉट कर सके लेकिन ग्राम पंचायत को यह अधिकार है कि वह गांव में अनुसूचित चौपाल के लिए जमीन अलॉट कर सकती है। तंवर ने इसकी जांच कराने की मांग की है।
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