कृषि उद्योग निगम के चेयरमैन विधायक राकेश दौलताबाद ने आज बादशाहपुर त्यागी वाड़ा कम्युनिटी सेंटर के अंदर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत रिबन काटकर की। आज यह केम्प करीब 2 घंटे चला जहां 0 से 5 साले के 92 बच्चों को पोलियों की दवाई पिलाई गई। राकेश ने बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाते हुए अपने सम्बोधन में लोगों को पोलियों के बारे में कुछ अहम बातें बताते हुए कहा कि इसकी आवश्यकता इसलिये है क्योंकि कुछ देशों में अभी भी पोलियो वायरस सक्रिय है। यह पोलियो वायरस इन देशों से आने वाले वयस्कों के माध्यम से आसानी से भारत में प्रवेश कर सकता है। इसलिए हमे किसी भी हाल में पोलियों जेसी बिमारी को फिर से अपने देश में नही पनपने देना है। कोरोना जेसे बीमारियों से देश पहले ही जूझ रहा है ऐसे में हमे इन बातों का खास ख्याल रखते हुए इस बिमारी से बचने की जरूरत है, जिसके लिए हमे अपने बच्चों को पोलियों की दवाई जरुर पिलानी है।
ज्ञात होकि पोलियों एक संक्रामक रोग है जो एक ऐसे वायरस से उत्पन्न होता है, जो गले तथा आंत में रहता है। पोलियोमाइलिटिस एक ग्रीक शब्द पोलियो से आया है जिसका अर्थ है ‘भूरा माइलियोस का अर्थ है मेरु रज्जु और आइटिस का अर्थ है प्रज्जवलन। यह आम तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैलता है। यह नाक और मुंह के स्राव से भी फैलता है। हालाँकि यह मुख्यतः एक से पाँच वर्ष की आयु के बच्चों को ही प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है। पोलियो का पहला टीका जोनास सौल्क द्वारा विकसित किया गया था। गौरतलब है कि दक्षिण-पूर्व एशिया सहित भारत को वर्ष 2014 में पोलियो-मुक्त घोषित किया गया था। पोलियो-मुक्त होने के बावजूद भारतीय नीति-निर्माताओं द्वारा पोलियो पर इतना ध्यान इसलिये दिया जा रहा है क्योंकि पोलियो वायरस के भारत में वापस आने का खतरा है।
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