बादशाहपुर, 2 नवम्बर (अजय) : बादशाहपुर कस्बे में निर्माण कार्यो के लिए नगर निगम द्वारा डीपीआर के तहत आरम्भ किये गये निर्माण कार्यो में हुई धांधली को लेकर संज्ञान लिया गया है इस मामले में शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामला की तफ्तीश में जुट गई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की बात कर रही है थाना प्रभारी का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ जांच कर सख्त से सख्त अगली कार्यवाही की जायेगी
बादशाहपुर में निर्माण कार्य आरम्भ होने के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री का सेम्पल लेते हुए अपनी जांच को जारी रखा जांच पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते में शामिल अधिकारीयों की शिकायत पर अब नगर निगम वार्ड 25 में हुए विकास कार्यो में हुई धांधली को लेकर निर्माण कार्य के ठेकेदार सहित निगम अधिकारीयों पर मामला दर्ज कर कार्यवाही तेज कर दी गई है इस मामले में पुलिस ने सरकारी निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री के इस्तेमाल व ठेकेदार फर्म के साथ मिलीभगत के करके करोड़ों का चूना लगाने वालों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है। इसमें ठेका लेने वाली कंपनी के मालिकों व बताया जा रहा है कि नगर निगम के 3 जेई पर घोटाले के आरोप लगाए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने बताया कि नगर-निगम के वार्ड 25 में सीवर लाइन डालने व नई सड़कें बनाने सहित विभिन्न कार्यों के लिए ई-टेंडर जारी किए गए थे। जिसमे करीब 35 करोड़ 54 लाख 75 हजार रुपये के कार्यों का वर्ष 2013 में टेंडर अलॉट किया गया था। इसके तहत कंपनी ने काम किया जिसके आधार पर करीब 6 करोड़ रुपये की पैमेंट भी कर दी गई। इसके बाद कंपनी काम बीच में ही छोड़कर चली गई। टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी पर 3 करोड़ 54 लाख रुपये की पैनेल्टी लगाई गई। फिलहाल यह मामला आर्बिटेशन में है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी संजय का कहना है कि शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है जल्द इसमें दोषी लोगों के खिलाफ अगली कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
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