बादशाहपुर, 28 अक्तूबर (अजय) : गुरुग्राम व् आस-पास के क्षेत्र में हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से दीपावली के त्यौहार के साथ अगले दिन अन्नकूट गोवर्धन की पूजा की जाती है इस दिन बादशाहपुर कस्बे के कुशाल मन्दिर, शिव मन्दिर, गोविन्द मन्दिर, राम तलाब मन्दिर, राधा कृष्णमन्दिर, ठाकुर जी मन्दिर, सुनारवाडा मन्दिर, राम मन्दिर गर्ल्स स्कुल, हनुमान मन्दिर, बगीची व् सैनी मन्दिर में सुबह 5 बजे से प्रशाद बनाने की विधि क्षेत्र के लोग आपस में मिलकर बनाने में लग जाते है और दोपहर 1 बजे से मन्दिरों में शंखनाद से प्रशाद वितरण शुरू हो जाता है
दीपावली के अगले दिन गोवर्द्धन पूजा की जाती है. इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. गोवर्दन पूजा के दिन भगवान कृष्ण , गोवर्द्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है. इतना ही नहीं, इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को उनका भोग लगाया जाता है. तो अधिकतर जगह आज के दिन मन्दिरों में कढ़ी, बाजरा, चावल तथा भूजी के प्रशास से भोग लगाकर जगह जगह भंडारे का आयोजन किया जाता है जोकि वर्षो से बादशाहपुर क्षेत्र में किया जा रहा है इन पकवानों को अन्न कूट कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी अंगुली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था. यानी भगवान कृष्णह ने देव राज इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्द्धन पर्वत की पूजा की थी. इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते है
पंडित राधे श्याम कहते है कि गोवर्धन पूजा कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है. अन्नकूट पूजा दीवाली के एक दिन बाद यानी ठीक दीवाली के अगले दिन मनाई जाती है. इस बार अन्नकूट पूजा 28 अक्टू बर को मनाई गई है
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
[post-views]
Comments are closed.