भुवनेश्वर। भुवनेश्वर में खेले जा रहे हॉकी विश्व कप में ग्रुप सी के मुकाबले में मेजबान भारत दुनिया की नंबर तीन टीम बेल्जियम को 2-2 की बराबरी पर रोकने में कामयाब हुआ। भारत ने अपनी बेस्ट हॉकी तीसरे क्वार्टर में खेलते हुए स्कोर को बराबर किया और सिमरनजीत के गोल से चौथे क्वार्टर में 2-1 की बढ़त भी हासिल कर ली। लेकिन मैच खत्म होने से चार मिनट पहले बेल्जियम ने गोल दाग कर स्कोर 2-2 कर दिया। शेष चार मिनट में कोई भी टीम गोल करने में नाकाम रही. और इस तरह किश्तों में शानदार हॉकी खेलने वाली भारतीय टीम 2-2 से ड्रॉ से ही संतोष कर सकी। बेल्जियम के लिए पहला गोल खेल के आठवें मिनट में एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने किया था, जिसके जवाब में भारत ने 39वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक से बराबरी का गोल किया था। यह गोल हरमनप्रीत ने किया था। 47वें मिनट में सिमरनजीत के बेहतरीन गोल गोल से भारत ने बेल्जियम के खिलाफ 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन 56वें मिनट में गोगनार्ड सिमोन के मैदानी गोल से बेल्जियम ने वापसी करते हुए स्कोर बराबर कर दिया।
इससे पहले 39वें मिनट में भारत के लिए पहला गोल हरमनप्रीत ने पेनल्टी स्ट्रोक के जरिए किया था। बेल्जियम की तरफ से एकमात्र गोल एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने खेल के 8वें मिनट में किया।
पहला क्वार्टर: बेल्जियम की आक्रामक शुरुआत
बेल्जियम टीम ने शुरुआत से ही भारत पर हमले बोले. नतीजा यह रहा शुरुआती पांच मिनटों के भीतर ही उस दो लगातार पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन दोनों पर ही गोल नहीं हो सका। लगातार हमलों के बीच खेल के आठवें मिनट में आखिरकार बेलिज्यम को कामयाबी मिल ही गई, जब एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने गोलची श्रीजेश को गच्चा देकर गोल दागकर अपन टीम को 1-0 से आगे कर दिया। और पहला क्वार्टर खत्म होने तक बेल्जियम की यह बढ़त बरकरार रही।
दूसरा क्वार्टर: नहीं मिली भारत को कामयाबी
दूसरे क्वार्टर में भारत के खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज पर गोल खाने का असर नहीं दिखा, लेकिन खिलाड़ियों के बीच आपसी तालमेल की कमी जरूर साफ दिखाई पड़ी। दूसरा हाफ शुरू होते हुए सुमित ने एक अच्छा मूव बनाया और वह बेल्जियम खिलाड़ियों को भेदते हुए उनके पाले में जा पहुंचे. ललित के साथ सुमित ने जुगलबंदी बनाई, लेकिन वह ललित के एक तेज पास को नहीं संभाल सके और गेंद छिन गई। हताशा स्टेडियम में जमा भारतीय दर्शकों की तब ओर बढ़ गई, जब एक बेल्जियम खिलाड़ी को बाधा पहुंचाने की कोशिश में आकाशदीप को मैच रेफरी ने ग्रीन कार्ड दिखा दिया और भारत के खिलाड़ियों की संख्या मैदान पर दस रह गई। दूसरे क्वार्टर में गेंद पर भारतीय खिलाड़ियों का कब्जा ज्यादा रहा और उन्होने बेल्जियम डिफेंस को व्यस्त रखा, लेकिन भारतीय पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल करने में नाकाम रहे। लेकिन इस क्वार्टर में यह साफ दिखाई पड़ा कि भारतीय खिलाड़ियों बेल्जियम की तरह गति पकड़ने में नाकाम रहे।
तीसरा क्वार्टर: दे-दनादन हमले, और भारत को मिली कामयाबी
तीसरे क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज पूरी तरह बदल गई। मिले ब्रेक के बाद भारतीयों की एनर्जी देखने लायक थी। नतीजा यह रहा कि पहले 35वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर और फिर 39वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर और बेल्जियम की हताशा से पेनल्टी कॉर्नर स्ट्रोक में बदला, तो हरमनप्रीत ने इसे गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। भारत ने 39वें मिनट में बेल्जियम का कर्जा उतारते हुए स्कोर 1-1 से बराबर करने में सफलता हासिल कर ली। और यह कहना गलत नहीं होगा की तीसरे क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने चौंकाते हुए बेल्जियम को पस्त कर दिया. बॉडी लैंग्वेज उलट हो चली थी। इससे पहले शुरुआत में ही बेल्जियम को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन उसके खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सके।
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