गुडग़ांव 26 जुलाई (अजय) : सिलोखरा तालाब (तीर्थ स्थल) की पंचायती जमीन पर भाजपा कार्यालय व ग्रुप हाउसिंग निर्माण केखिलाफ व गांव के विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सिलोखरा सहित 360 गांवों के नागरिकों का धरना वीरवार को लगातार 17वें दिन जारी रहा। धरनास्थल पर वीरवार को आंदोलन का समर्थन करने वाले लोगों को सैलाब उमड़ पड़ा था। सिलोखरा के आसपास के कई क्षेत्रों के नागरिक धरनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए सरकार के समक्ष मांग रखी कि शीघ्र ही भाजपा कार्यालय व ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट कर सिलोखरा की पंचायती धार्मिक स्थल को सुरक्षित किया जाए। लोगों ने यह भी मांग रखी कि सरकार गांव के बुजुर्ग नागरिकों पर थोपा गया फर्जी मुकदमा वापस लेने के साथ विकास का मार्ग प्रशस्त करे। धरनास्थल पर उस समय अजब आध्यात्मिक और संवेदनशील माहौल बन गया जब धरनारत महिलाओं ने आंखों में आंसू भरते हुए सिलोखरा की धर्मस्थली को बचाने के लिए संघर्ष करते रहने की शपथ ली। महिलाओं ने तालाब (तीर्थ स्थल), शिवमंदिर और पौराणिक पेड़ों के पास धार्मिक जागरण करते हुए मंदिर और पेड़ों पर माता की चुनरी बांधी और हाथ उठाकर शपथ ली कि भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग के निर्माण के लिए उनकी धर्मस्थली का अस्तित्व मिटाने का प्रयास किया गया तो वे धरना जारी रखते हुए आध्यात्मिक जागरण जारी रखेंगी। महिलाओं ने सरकार और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि शीघ्र उनकी धर्मस्थली को भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग से मुक्त कर जीर्णोद्धार कराया जाए। महिलाओं की इस आस्था और कठोर निर्णय को सुनकर धरनास्थल पर मौजूद भारी भीड़ स्तब्ध रह गई और सभी ने नम आंखों से उनकी वेदना को अहसास किया। महिलाओं की आत्मिक पीड़ा को सुनकर धरना दे रहे सिलोखरा के नागरिकों ने बेहद चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के नुमाइंदे और प्रशासनिक अधिकारी इतने कठोर हो चुके हैं कि विकास की मांग को लेकर लगातार सालभर से आंदोलन और पिछले 17 दिनों से चल रहे धरने के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत नहीं करा रहे हैं, अथवा सरकार ही संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। धरने का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा का यह आंदोलन राष्ट्रव्यापी बन चुका है। धरने को लाखों लोगों के साथ सत्ता पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों का भारी समर्थन प्राप्त हो चुका है। सिलोखरा की पंचायती, धार्मिक भूमि पर भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग का निर्माण करने का सबने विरोध किया। ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज कराए गए झूठे मुकदमे की सभी लोग भर्त्सना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इन तमाम बातों से अवगत कराया जा चुका है। गांव की जिस पंचायती जमीन पर भाजपा कार्यालय और गु्रप हाउसिंग का निर्माण कराने का प्रयास किया जा रहा है उस जमीन को हाईकोर्ट ने करीब 6 दशक पूर्व चारागाह और तीर्थस्थल के नाम पर छोडऩे का फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत भी तीर्थस्थल चारागाह और धार्मिक स्थल की जमीन किसी अन्य कार्य के प्रयोग में नहीं लाई जा सकती हुडा के पास भी यह जमीन बिना स्वामित्व की करीब एक दशक से पड़ी हुई थी लेकिन कुछ गिने-चुने भाजपा नेताओं की जिद्द के कारण यह जमीन नियमों को ताक पर रख कर भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग के लिए अलॉट करा ली गई। मुख्यमंत्री इस वास्तविकता से अवगत होने के बावजूद पता क्यों निर्णय लेने में विलंब कर रहे हैं, यह बात लोगों की समझ से परे है। डा. मुकेश शर्मा ने इस तरफ पुन: मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वे शीघ्र इस मामले को संज्ञान में ले और ग्रामीणों के हित में फैसला लें अन्यथा जनभावनाएं भड़क सकती हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। धरने में सरपंच ओम प्रकाश शर्मा, मुकेश शर्मा, शेर सिंह शर्मा, रामपत यादव पूर्व पंच, रामेहर यादव, चंदर सैनी, भरत सिंह, मामचंद, धर्मवीर शर्मा, सुल्तान सिंह, अमर सिंह सैनी, देवेन्द्र यादव, नरेन्द्र भारद्वाज, राजीव शर्मा, चेतन शर्मा, ओमप्रकाश सैनी, सचिन शर्मा, हितेश शर्मा, जय भगवान शर्मा, शेरु यादव, नरेश शर्मा विजय भारद्वाज, महेंद्र शर्मा, नीरज शर्मा एडवोकेट, अतरसिंह शर्मा, परमानंद शर्मा, राजपाल शर्मा, राजीव भारद्वाज, सुंदर यादव, मनीष शर्मा, दिनेश शर्मा, सचिन शर्मा, आनंद शर्मा, शिवकुमार शर्मा, मनीष शर्मा, नीरज शर्मा, सुभाष शर्मा, लक्ष्मी नारायण सैनी, ईश्वर यादव, प्रकाश सैनी, संजय यादव, रणवीर यादव, राजपाल शर्मा, जोखर, सुनील शर्मा, गोपाल सैनी, मोनू शर्मा, दीपक शर्मा, अतर सिंह यादव, सुंदर सेन, शुभम शर्मा, रीमा सेन, अमन सेन, नितिन शर्मा, छवि सैन, राधेश्याम शर्मा, राजेश शर्मा, जैनी भारद्वाज, बबलू शर्मा, विजेंद्र सिंह, सतीश शर्मा, देशराज सैनी, विक्की यादव, देवी राम यादव, देशराज सैनी, हेतराम यादव, सतवीर शर्मा, सुभाष बडग़ूर्जर, पवन कुमार वैद्य, राम हलवाई, परमजीत बांसका, रामधन सैनी, हिमांशु शर्मा, सुंदर लता, सरिता शर्मा, संतोष, ममता शर्मा, सुमन शर्मा, भगवती शर्मा, कृष्णा सैनी, चंद्रकली, विमला, राजरानी, शांति यादव, राजबाला, ब्रह्मो, सविता शर्मा, अंगूरी शर्मा, भगवानी शर्मा, सरला शर्मा, बीरमति, सरवती मनीषा, यादव, प्रेम यादव, वीरमति यादव, शांति शर्मा, सुशीला यादव, कमलेश यादव, प्रमिला शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, संतोष यादव, शारदा भारद्वाज, भरपाई सैनी, कैलाश शर्मा, कांता, पुष्पा शर्मा, सविता यादव, कमला यादव, कांता यादव, मीनू, विमला देवी, मूर्ति सैनी, कैलाश यादव, त्रिवेणी यादव, पुष्पा यादव, सुमन यादव, बसंती, ओमवती शर्मा, राजवती शर्मा, शक्ति, शारदा, लक्ष्मी, द्रौपदी, शकुंतला, सावित्री यादव, चमेली, पंकज शर्मा सहित काफी संख्या में महिलाएं और सैकड़ों नागरिक शामिल रहे।
फोटो– सिलोखरा की धर्म स्थली को बचाने के लिए हाथ उठाकर शपथ लेतीं महिलाओं के साथ बुजुर्ग व बच्चे, मौके पर मौजूद डा. मुकेश शर्मा और सिलोखरा सहित आसपास के नागरिक ।
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