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एससी-एसटी उद्यमियों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए भानु प्रताप सिंह वर्मा ने झारखंड के गुमला में राष्ट्रीय एससी-एसटी हब मेगा कॉन्क्लेव का किया उद्घाटन

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नई दिल्ली, 19अगस्त। उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और मंत्रालय की एनएसएसएच योजना समेत अन्य योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) भारत सरकार नेशुक्रवार को टाउन हाल, गुमला (झारखंड) में राष्ट्रीय एससी-एसटी हब (एनएसएसएच) कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस अवसर पर केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कॉन्क्लेव में करीब 650 एससी-एसटी आकांक्षी और मौजूदा उद्यमियों ने हिस्सा लिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए भानु प्रताप सिंह वर्मा ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और भारत से समग्र निर्यात में योगदान के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई न केवल रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करता है, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भी मदद करता है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड का एमएसएमई क्षेत्र कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। साथ ही यह खनिज आधारित इकाइयों की स्थापना के लिए सबसे आकर्षक क्षेत्रों में से एक है। भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आगे कहा कि राज्य वन और खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराता है और हमारा मंत्रालय इन इकाइयों को फलने-फूलने के लिए जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए कई उपाय कर रहा है। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं की अहमियत बताई और कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य के एससी-एसटी उद्यमी नवीनतम विचारों और व्यापार संभावनाओं की तलाश करेंगे। साथ ही इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए एमएसएमई मंत्रालय की संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए लागू की जा रही मंत्रालय की कई प्रमुख योजनाओं के बारे में बताया और एससी/एसटी उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी हब योजना के तहत लागू की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी।

सीपीएसई, बैंकों और ऋण देने वाले संस्थानों के साथ एक विशेष तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया, जिसने इच्छुक और मौजूदा एससी-एसटी उद्यमियों के चर्चा करने का एक बेहतरीन मंच उपलब्ध कराया। ओएनजीसी, बीएसएनएल, दामोदर घाटी निगम लिमिटेड आदि जैसे सीपीएसई ने विक्रेता पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया पर प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही एससी-एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से खरीदे जा सकने वाले उत्पादों/सेवाओं के बारे में जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम में एसबीआई, सिडबी, आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड और नाबार्ड जैसे वित्तीय संस्थान भी शामिल हुए, जिन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित विभिन्न ऋण योजनाओं की जानकारी दी। केवीआईसी, एमएसएमई-डीएफओ, ट्राइफेड और जीईएम जैसे अन्य सरकारी निकायों ने भी इसमें हिस्सा लिया और एमएसएमई के लिए अपनी योजनाओं पर चर्चा की। कार्यक्रम में एससी/एसटी एमएसई प्रतिभागियों के पंजीकरण की सुविधा के लिए यूडीवाईएएम (उद्यम) पंजीकरण डेस्क भी थे।

समावेशी विकास, एससी-एसटी समुदायों के बीच उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक खरीद नीति के तहत 4 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी की भी चर्चा की गई।

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