नई दिल्ली: भोजपुरी सिनेमा की दमदार आवाज और लोक गीत गायिका कल्पना ने ग्रामीण टैलेंट को निखारने का जिम्मा उठाया है. कल्पना ने अपने इस फैसले की घोषणा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर की. कल्पना ने ग्रामीण महिलाओं में उनकी छुपी हुई प्रतिभा या अभावों और जानकारी के अभाव में सो चुकी उनकी प्रतिभा को उभारने का फैसला किया है. महिला दिवस पर कल्पना ने कहा कि वे अक्सर ग्रामीण इलाकों में शो के लिए या निजी कार्यक्रमों के लिए जाती रहती हैं और सभी जगह स्थानीय कलाकारों में गजब की प्रतिभा देखने को मिलती है. पैसे और अपनी प्रतिभा को निखारने की जानकारी नही होने की वजह से उनकी कला असमय ही दम तोड़ देती है. उन्होंने बताया कि शक्ति मेनिफिस्ट के माध्यम से कई लोगों को फायदा पहुंचा हैं. कल्पना 4 अप्रैल से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स की क्लोजिंग सेरेमनी में अपने गायकी का जलवा दिखाएंगी.
कल्पना ने बताया कि संगीत उनके लिए साधना है जिनका पेट भरा है लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म के आ जाने से हर कोई इसे कमाई का जरिया बना सकता है. कल्पना ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि हाल ही में वे झारखंड के जमशेदपुर के ओल्ड एज होम गई थीं जहां कई महिलाओं में संगीत की प्रतिभा दिखी. उन्होंने न सिर्फ उन्हें गायन के लिए प्रेरित किया बल्कि स्थानीय रेडियो के माध्यम से उनकी आवाज भी लोगों को सुनाई. महिला दिवस की प्रसांगिकता पर उन्होंने कहा कि बचपन में उन्होंने आसाम में एक लड़की तेजी मौला की कहानी सुनी थी जिसे सौतली मां तड़पा-तड़पा कर मार देती है. अब समय आ गया है कि अत्याचार के विरोध की कहानियां सामने आनी चाहिए.
आपको बता दें कि भोजपुरी संगीत को नई ऊंचाई देने में व्यस्त कल्पना इसी साल आस्ट्रेलिया में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन समारोह में भोजपुरी गीतों की धुन बिखेरेंगी. भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के जीवन पर ‘द लेगेसी ऑफ भिखारी ठाकुर’ का निर्माण कर वाहवाही बटोर चुकी कल्पना ने भोजपुरी संगीत को प्रतिष्ठित पैडी फील्ड महोत्सव और एमटीवी के कोक स्टूडियो तक पहुंचाया है.
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