PBK NEWS | रोहतक। जसिया में जाटों की रैली शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। रैली में जाट नेताओं ने आरक्षण को लेकर फिर हुंकार भरी, लेकिन सबसे दिलचस्प रही मंच पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और इनेलो नेता अभय चौटाला की मौजूदगी। दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला तो बोला ही साथ में इशारों-इशाराें में एक-दूसरे पर भी निशाना साधा।
जाटों का अल्टीमेटम : दिसंबर तक सरकार मांगे मानें, नहीं तो फिर होगा आंदोलन
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने रविवार को जसिया रैली में एक बार फिर से सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। आरक्षण सहित अन्य छह मांगों को लेकर जो समझौता सरकार के साथ हुआ था, उसे दिसंबर तक पूरा नहीं किया तो फिर से आंदोलन का बिगुल बजाकर मार्च में दिल्ली कूच कर देंगे। इतना ही नहीं सरकार के मंत्री व विधायकों को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से आठ प्रस्ताव पारित किए गए हैं। रैली में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के अलावा केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, और इनेलो नेता एवं नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला सहित कई राज्यों के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायकों ने भी शिरकत की। इससे पहले जाट सेवा संघ एवं अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा दीनबंधु छोटूराम प्रतियोगी परीक्षा एवं कौशल विकास संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया।
यशपाल मलिक ने कहा कि इसी साल 19 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी की मौजूदगी में छह मांगों को लेकर समझौता हुआ था। सरकार इन मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा करें। दिसंबर तक सरकार ने हरियाणा के जाटों को प्रदेश स्तर पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया तो मार्च में आंदोलन शुरू कर देंगे। इस बार धरने-प्रदर्शन लंबे नहीं चलेंगे बल्कि सीधे ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की तरफ कर दिया जाएगा। इसका फैसला 3 दिसंबर को जसिया में राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग में लिया जाएगा।
रोहतक के जसिया में आयोजित रैली में अभय चौटाला,यशपाल मलिक, बीरेंद्र सिंह व अन्य नेता।
समिति के राष्ट्रीय महासचिव एवं हरियाणा प्रभारी एडवोकेट अशोक बल्हारा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि समझौते की मांगों को दिसंबर तक पूरा नहीं किया तो सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। सरकार के मंत्री व विधायकों को गांवों में प्रवेश तक नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समझौते को लागू करने में देरी से समाज में असंतोष बढ़ रहा है।
रैली में यह किए आठ प्रस्ताव किए पारित
1. जाट सेवा संघ द्वारा दीनबंधु छोटूराम प्रतियोगी परीक्षा एवं कौशल विकास संस्थान के भूमि पूजन व शिलान्यास का कार्यक्रम सभी की उपस्थिति में पूरा हुआ।
2. संस्थान के प्रथम चरण में कार्यालय का निर्माण कार्य 3 दिसंबर को शुरू होगा।
3. संस्थान का मुख्य निर्माण कार्य जनवरी २०१८ में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर शुरू किया जाएगा।
4. संस्थान के निर्माण के लिए जाट समाज जो सहयोग करना चाहते हैं, वह एक ईंट व अपने सामर्थ्य के अनुदान देकर अपना सहयोग दें।
5. 19 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां और केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी के साथ छह मांगों को लेकर हुए समझौत की सभी बची मांगों पर सरकार तुरंत कार्रवाई करें।
6. हरियाणा सरकार दिसंबर तक सभी कार्रवाई पूरी कर हरियाणा के जाटों को प्रदेश स्तर पर आरक्षण का लाभ दें।
7. केंद्र सरकार अपने वादे के मुताबिक आने वाले शीतकालीन सत्र में राष्ट्रीय सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग का संशोधन विधेयक संसद में पास कराकर जाट समाज को केंद्र की ओबीसी श्रेणी में शामिल करें।
8. भविष्य में जाट आंदोलन की रणनीति तय करने व मार्च के समझौते की सभी मांगों पर समीक्षा करने व जाट सेवा संघ के भविष्य के कार्यक्रमों को गति देने के लिए तीन दिसंबर को प्रदेश, राष्ट्रीय व प्रमुख पदाधिकारियों की मीटिंग आयोजित करने का निर्णय किए जाएंगे।
रैली में बीरेंद्र और अभय चौटाला ने चलाए एक दूसरे पर तीर
रैली में केंद्रीय मंत्री अभय चौटाला और इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने एक दूसरे पर भी तीर चलाए। अभ्य चौटाला ने बीरेंद्र सिंह की आेर इशारा करते हुए कहा कि जो लाेग अाज यहां आए हैं वे उस समय कहां थे जब हरियाण जल रहा था और जाट मुसीबत में थे। उस समय वे समाज से साथ क्यों नहीं खड़े हुए। समाज को तोड़ने का प्रयास था, लेकिन समाज ने मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। जिसने भी समाज की अनदेखी की, समय आने पर समाज उनकी अनदेखी करेगा। उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हूड्डा की तरफ था। उन्होंने भाजपा को भी दोषी बताया।
उन्होंने कहा कि आरक्षण देने के नाम पर आधे अधूरे कागज लगा कर पांच जातियों को गुमराह किया गया। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने ऐसा किया। इसके बाद भाजपा सरकार ने भी इसे ही दोहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी विधानसभा में आरक्षण की मांग इनेलो ने की थी। लेकिन बीजेपी ने कुछ नहीं किया। 15 माह तक मांग को लटकाया गया। अपने ही एक सांसद को समाज को तोड़ने के लिए खड़ा कर दिया। आज प्रदेश के जातपात में बांट दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुए समझौते को लागू नहीं किया गया है। आरक्षण के नाम पर हिंसा भड़काने का काम भाजपा सरकार ने किया। पांच जातियों को आरक्षण देने के लिए बिल लाने की जरूरत थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। कांग्रेस के लोगों ने हिंसा फरवरी 2016 में किया और इसकी साजिश भाजपा ने रची थी। हिंसा में जान गंवाने वाले युवाओं के परिवार को आर्थिक मदद देने का वादा किया लेकिन पूरा नहीं किया।
इसके बाद बीरेंद्र सिंह ने रैली को संबोधित किया। उन्होंने अभय चौटाला काे जवाब दिया। उन्होंने जाटों की राजनीति करने वाले अाखिर ये बताएं उन्होंने समाज के लिए किया क्या है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह समाज और जाट कौम के साथ हैं। उन्होंने कहा किपिछले साल आंदोलन में हिंसा को लेकर कांग्रेस खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जाटों को आरक्षण जरूर मिलेगा और भाजपा सरकार ने इसके लिए सही कदम उठाया है, लेकिन जाटों के हितों की बात करने वाले लोग बताएं कि उन्होंने समाज के हित के लिए क्या किया है। उन्होंने अभय चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि चौधरी देवीलाल बड़ी सोच वाले नेता थे। इसलिए पूरा देश और प्रदेश उनको आज भी सम्मान से याद करता है, लेकिन उनके रास्ते पर चलने का दावा करने वाले छोटी सोच वाले हैं। उन्होंने रैली में पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की याद भी दिलाई।
News Source: jagran.com
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