गुड़गांव 9 सितम्बर (अजय) : नवजन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने बेरोजगार युवाओं तथा बेघर लोगों को मकान दिलाने के भाजपा सरकार के सपने पर याद दिलाते हुए सरकार को घेरा और लोगों को किये वायदे को पूरा करने की भाजपा से मांग रही जिसके लिए देश के लोगों को बड़ी जरूरत है जिस मुद्दों के साथ भाजपा केंद्र व् प्रदेश में सता में आई थी
वशिष्ठ गोयल ने बताया कि देश के पहले आम चुनाव की बात तो याद नहीं, पर 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में एक नारा रोटी, कपड़ा और मकान का लगा करता था। कहा जाता था कि ‘रोटी-कपड़ा दे न सके जो, वह सरकार निकम्मी है।’ निकम्मी सरकार को बदलने की आवाज़ उठाने में तत्कालीन पार्टी भारतीय जनसंघ सबसे आगे थी और मुद्दा बेरोज़गारी का था। यह विडम्बना ही है कि तब से लेकर आज के लगभग छह दशकों में हम बेरोज़गारी के इस भूत से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाये। इस बीच कई सरकारें बनीं-बिगड़ीं।
और अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पिछली सरकारों की तरह ही इस सरकार ने भी रोटी, कपड़ा और मकान के बुनियादी मुद्दे को उठाया था और वादा किया था कि देश के करोड़ों बेरोज़गारों की रोज़ी-रोटी की व्यवस्था करना, यानी उन्हें रोज़गार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होगी। अब वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर है और दुर्भाग्य से रोज़गार के मोर्चे पर कोई बड़ी सफलता दिखाई नहीं दे रही। दुर्भाग्य की बात यह भी है कि बेरोज़गारों और दिये गये रोज़गार के कोई आधिकारिक आंकड़े भी देश के पास नहीं हैं। लेकिन, जब कुछ ऐसा घटता है, जैसा कि पिछले दिनों प्रदेश में घटा तो स्थिति की भयावहता सामने आ ही जाती है।
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