बादशाहपुर में चल रहे फ्लाईओवर निर्माण से अब घंटों-घंटों बादशाहपुर में ट्रेफिक जाम रहने लगा है, जिसके चलते वाहनों को वाटिका चौक पार करते ही बादशाहपुर के राधा कृष्ण मन्दिर से लेकर कादरपुर मोड़ तक रेंग रेंग कर चलना पड़ता है, वही रोड पर साइडों में जमा मिट्टी से वाहन गुजरने पर धूलभरी आंधी बनी रहती है, जोकि पहले से जहरीले हो चुके वातावरण को और प्रदूषित कर रही है, वाहनों के जाम में लोग जमकर प्रशासन को कोसते है, बावजूद महीनो से चल रही इस समस्यां के प्रति प्रशासन बेखबर नजर आ रहा है। पुल निर्माण के दौरान सडकें भिड़ी भिड़ी हो गई है, जिससे ट्रेफिक सिंगल लाइन में सिमट कर रहा गया है। बादशाहपुर कस्बे में अब ट्रेफिक जाम लोगों के लिए बड़ी सरदर्दी बन चूका है। कस्बे में ट्रेफिक नियन्त्रण करने वाले ट्रेफिक पुलिस के जवानों की हालत खस्ता हो चुकी है। इसके चलते वाहन चालक बेलगाम होकर वाहनों को विपरीत दिशा में लेकर जाते है, जिससे दुर्घटना की भी आशंका और बढ़ गई है। सड़कों पर उड़ती धुल एवं सिकुड़ी हुई सडकों की वजह से लग रहे जाम के बारे में वजह जानने के लिए खबर लिखे जाने तक पुल निर्माण एजेंसी ओरिएंटल के अधिकारी जेपी गुप्ता से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे सम्पर्क नही हो सका।
सड़कों पर मिट्टी की मोटी परत बढ़ा रही प्रदुषण :
प्रदुषण कंटोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जमकर केंद्र व् प्रदेश सरकारों को फटकार लगा रहा है, बावजूद इसके सडकों पर उड़ रही धुल किसी को नही दिखाई पड़ रही। सड़कों के किनारे मिट्टी से हर वक्त वाहनों के गुजरने के बाद धुल उडती रहती है, जिसकी वजह से प्रदुषण और बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि इस पर प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड को संज्ञान लेना चाहिय।
स्थानीय लोगों की बढ़ी परेशानी :
ट्रैफिक जाम से केवल कार में बैठे यात्री ही परेशान नहीं है, स्थानीय लोग को रोड के इधर उधर जाने में भी बड़ी परेशानिया उठानी पड़ रही है। स्कूटर और साइकिल सवारों को भी परेशान होना पड़ रहा है। कहीं-कहीं पैदल चलना भी संभव नहीं रह गया है। गुरुग्राम के लिए यह हर प्रकार से घाटे का सौदा है। सड़कों एवं कारों में हमारी पूंजी लग रही है। यात्रा में समय ज्यादा खप रहा है। ऊपर से सामान्य यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। आकड़ों में आर्थिक विकास अवश्य दिख रहा है चूंकि कार ज्यादा संख्या में बिक रही है। जाम में खड़ी कार का इंजन चालू रहने के कारण पेट्रोल फूंका जा रहा है जो हमारे सकल उत्पाद में जुड़ जाता है। परंतु यह विकास नाकाम है। ट्रैफिक जाम लगने का कारण स्पष्ट है कि कारों की संख्या सड़कों की क्षमता से ज्यादा है, इसका हल सुझाया जाता है कि सड़के चौड़ी कर दी जाएं और विक्ल्पिक रोड बनाये जाएँ।
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