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पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्‍या में अंग्रेज शूटर भी था शामिल

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PBK NEWS | मोगा। पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या में बड़ा खुलासा हुआ है। इन नेताआें की हत्‍या में एक ब्रिटिश शूटर भी शामिल था। यह खुलासा गैंगस्टर जिम्मी सिंह और जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी से पूछताछ में हुआ है। दोनों को इस हत्‍याओं के लिए गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने पुलिस को अंग्रेज शूटर का हुलिया भी बताया है। दोनों कुछ दिन पहले ही इंग्लैड से भारत आए थे।

भारत आने का वह कोई विशेष कारण अभी तक नहीं बता सके हैं, लेकिन पुलिस पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि भारत आकर दो से तीन हत्याओं को अंजाम देने वाले अंग्रेज शूटर से वह इंग्लैड में हुई पार्टियों में मिल चुके हैं। इन दोनों ने अंग्रेज शूटर का जो हुलिया बयां किया गया है, वह पूरी तरह से उसी अंग्रेज शूटर से मेल खाता है, जिसने पटियाला में आरएसएस नेता रूलदा सिंह की हत्या की थी।

आरएसएस के विंग राष्ट्रीय सिख संगत के प्रमुख रहे रुलदा सिंह की जुलाई 2009 में हत्या करने में इंग्लैंड के एक शार्प शूटर का नाम सामने आया था। अब फिर उसी अंग्रेज शार्पशूटर का नाम सामने आया है। खुलासा हुआ है कि आरएसएस नेता जगदीश गगनेजा की हत्या में उसी अंग्रेज शूटर का इस्तेमाल खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स की तरफ करवाया गया। यह शूटर रुलदा सिंह की हत्‍या करने के बाद उसी रात वह इंग्लैड फरार हो गया था।

रुलदा सिंह मर्डर की गुत्थी सुलझाने वाले उस समय के काउंटर इंटेलीजेंस के एआइजी पीएस विर्क का कहना है कि रुलदा सिंह की हत्या की साजिश मलेशिया में रची गई। वहीं से खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स को चलाने वाले हरमिंदर सिंह मिंटू ने इंग्लैंड के शार्पशूटर को इस काम के लिए भारत भेजा था।

अमृतसर में विपिन शर्मा की हत्या को अंजाम दिए जाने के बाद जांच में जुटी पुलिस को एक बार फिर से हिंदू नेताओं की हत्या के पीछे खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स का नाम सुबूतों सहित सामने आ चुका है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स का चीफ कहलाने वाला हरमिंदर सिंह मिंटू 2004 से लगातार आइएसआइ के संपर्क में रहा है और वह मलेशिया से कई बार पाकिस्तान भी जाता रहा है।

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जगतार की शादी में विदेश से भी आए थे गर्मख्याली

जालंधर : ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा हत्याकांड में पकड़े गए एनआरआइ जगतार सिंह जौहल की सगाई इसी साल अप्रैल में गुरप्रीत कौर के साथ हुई थी। उस समय डेढ़ महीने तक वह पंजाब में रहा और कई स्थानों पर गया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसी दौरान उसकी पंजाब में बैठे कुछ गर्मख्यालियों के साथ मुलाकात भी हुई। बीते 18 अक्टूबर को नकोदर के नगीना पैलेस में शादी हुई। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जगतार की शादी में इंग्लैंड के अलावा कनाडा और इटली से गर्मख्याली और खालिस्तानी समर्थक आए थे।

यही कारण है कि एसटीएफ और जांच एजेंसियों के राडार पर इस समय नकोदर और आसपास का एरिया है। यह भी जांचा जा रहा है कि पंजाब से उसकी शादी में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे।

अप्रैल में आया था, उसी समय हुई सारी प्लानिंग

सगाई कराने जगतार अपै्रल में पंजाब आया और यहां पर डेढ़ महीने तक रहा। इसी समय के दौरान उसने पंजाब में बैठे अपने साथियों के साथ आगे फंडिंग की, जिससे हथियार खरीदे गए। जगतार और उसके साथियों का प्लान इतना सटीक था कि उनको यकीन था कि वे कभी पकड़े नहीं जाएंगे।

हैरानी की बात है कि 17 अक्टूबर को लुधियाना में आएसएस की शाखा के शिक्षक रविंद्र गोसाईं की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इसके अगले ही यानी 18 अक्टूबर को जगतार ने नकोदर में शादी रचाई। प्लान के मुताबिक तय था कि जिम्मी पहले विदेश जाएगा, बाद में जगतार। एसटीएफ ने जिम्मी को नई दिल्ली से दबोच लिया और मामला खुल गया। अगर ऐसा नहीं होता तो जगतार भी इंग्लैंड भाग जाता।

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गगनेजा हत्याकांड के दिन उठाए गए युवक की लोकेशन खंगाल रही पुलिस

उधर, जगतार सिंह जौहल से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैैं। इन्वेस्टीगेशन के दौरान अन्य गांवों के लोगों से जगतार के लिंक मिले हैैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जगतार जब भी अपने पुश्तैनी घर गगड़पत्ती गांव आता था तो गांव के किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलता था।

गांव के ही देव नाम के व्यक्ति से भी गांव के बजाय बाहर ही मिलता था। बिलगा से उठाए गए तीन युवकों में एक उसका ड्राइवर है, जिसे पड़ोसी गांव के एक शख्स ने उससे मिलवाया था। वह जगतार से दो बार मिल चुका है। जांच में आया कि जगतार ने उसी को शादी के दौरान अपनी कार चलाने के लिए भी बुलाया था। युवक के रिश्तेदार विदेश में हैं।

पूरे मामले में अब इंटेलिजेंस इन युवकों की ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के दिन की लोकेशन खंगाल रही है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो जगतार सिंह जौहल ने हत्या से पहले बिलगा व जंडियाला के युवकों से ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा के घर से लेकर उनके हर आने-जाने के रास्ते और रूटीन की पूरी रेकी कराई थी। इसके अलावा जगतार के पिछले सात सालों के दौरान भारत में आने के बाद गतिविधियों के बारे में टेक्निकल तरीकों से जांच की जा रही है।

News Source:- www.jagran.com

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