- गुरुग्राम की चारों सीटों पर वर्तमान विधायकों को टिकट मिलने पर बड़ा संदेह
- सीएम की नजदीककियों से पटौदी के बाबा के पास टिकट मांगने वाले लगा रहे हाजरी
- श्राद्ध से पहले 12 सितम्बर को चुनाव घोषणा की संभावना
बादशाहपुर, 10 सितम्बर (अजय) : हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर अब सभी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के नेताओं के बिच ही नूरा कुश्ती शुरू हो चुकी है। राजनितिक पंडितों की मानें तो दक्षिण हरियाणा की 11 अहिरवाल सीटों पर मोजुदा विधायकों को बदलने के तैयारियां चल रही है। जानकारों की मानें तो भाजपा अपने बड़े और कद्दावर नेताओं को उस सीट से उतारना चाहती है, जहां उन्हें चुनाव जीतने में संका नजर आ रही है, ताकि भाजपा अपना 75 पार का लक्ष्य पूरा कर सके। भाजपा सूत्रों की मानें तो गुड़गांव जेसी शहरी सीटों बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, पटौदी पर किसी भी उम्मीदवार को उतार कर आसानी से चुनाव जीतना भाजपा सुनिश्चित मान रही है। हालाकि उमेश अग्रवाल की पिछले कुछ दिनों में बड़ी लोकप्रियता एवं मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा में उमेश अग्रवाल के कार्यक्रम में राष्टीय कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थित तथा अनिल जैन की नजदीकीयों के चलते टिकट कटना असम्भव माना जा रहा है, तो वही भाजपा से उषा प्रियदर्शी, नवीन गोयल, जी.एल.शर्मा जेसे दिग्गज नेता टिकट की दौड़ में अपनी बड़ी पहचान हाईकमान में बना चुके है। जिन्हें टिकट देने पर विचार किया जा सकता है। यही नही गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दौड़ में चल रहा पटौदी के बाबा के नाम पर तो अन्य टिकटार्थी भी अपनी टिकट के लिए बाबा के दरबार में हाजरी लगाना शुरू कर चुके है। चर्चा तो इस बात की भी है बाबा तो चुनाव लड़ेगें साथ ही अन्य लोगों को भी टिकट दिलाने में भूमिका निभा सकते है। जिसके लिए ही नेता उनके दरबार में हाजरी लगा रहे है। वही जानकारों की मानें तो बादशाहपुर सीट पर भाजपा के मोजूदा विधायक राव नरबीर के आलावा अन्य किसी नेता का इस सीट पर राकेश दौलताबाद के सामने जीतना असम्भव माना जा रहा है, तो वही पूर्व में टिकट मानने वाले कमल यादव एवं राव इंद्रजीत समर्थक राव अभय सिंह व् पूर्व मेयर विमल यादव की दावेदारी भी भाजपा टिकट पर बड़ी मजबूत मानी जा रही है, जोकि बादशाहपुर से चुनाव में टक्कर की लड़ाई दे सकते है। वही सोहना विधानसभा क्षेत्र से तेजपाल की यदि टिकट कटती है तो कल्याण सिंह चौहान व समय सिंह भाटी की भी मजबूत दावेदारी देखि जा रही है। जिस पर अभी तक कोई स्थिति स्पष्ट नही हो सकी। सूत्रों की मानें तो भाजपा अपने 75 पार लक्ष्य को पाने के लिए अपनी रणनीति के तहत दक्षिण हरियाणा की 11 सीटों पर जरूरत पड़ने पर अपने मोजुदा विधायकों को बदलने में कोई कुरेज नही करेगी। जिसको लेकर गुरुग्राम की चारों विधानसभा के मोजूदा विधायको को टिकट मिलने पर बड़ा संदेह नजर आ रहा है। वही श्राद्ध के चलते 12 सितम्बर को चुनाव की तारीखों का ऐलान सम्भव माना जा रहा है।
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