PBK NEWS | नई दिल्ली/ पटना। सृजन घोटाले में सीबीअाई ने अाज बड़ी कार्रवाई करते हुए एफअाईअार दर्ज कर ली है। इसमें सृजन महिला विकास समिति भागलपुर के निदेशन व बैंक ऑफ बड़ोदा शाखा सहरसा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वहीं सृजन घोटाले की प्रारंभिक जांच में एसआइटी ने 18 आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया है। इन सभी के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने काफी सुबूत जुटाए थे। वहीं उन लोगों द्वारा पुलिस को दिए गए बयान में सभी ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। सृजन घोटाले में अब तक की जांच के आलोक में पुलिस ने जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार गुप्ता से लेकर डीएम के पीए कम स्टेनो प्रेम कुमार समेत अन्य 18 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वहीं दूसरी प्राथमिकता में पुलिस साक्ष्य के आधार पर बने 19 नए अभियुक्तों की धर-पकड़ के लिए विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।एसएसपी के गोपनीय कार्यालय में शुक्रवार को सृजन घोटाले के 12 मामलों की समीक्षा हुई। एसएसपी ने बताया कि अब तक कुल 12 कांडों में 18 गिरफ्तारियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि केस सीबीआइ को जाना है, इसका नोटिफिकेशन हो जाने के बाद अब कोई भी निर्णय बिना सीबीआइ के नहीं लिया जा सकता।
हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि ईओयू के एसपी राशिद जमा भी भागलपुर में दो दिनों से कैंप कर रहे हैं। सीमावर्ती जिलों को भी किया गया है अलर्टएसएसपी ने कहा कि अमित, प्रिया के लिए राज्य के कई सीमावर्ती जिलों को अलर्ट कर दिया गया है ताकि दोनों नेपाल के रास्ते विदेश नहीं भाग जाएं। पुलिस का दावा है कि अमित और प्रिया कुमार विदेश भागने में सफल नहीं हो पाए हैं। उन दोनों ने नेपाल के रास्ते विदेश भागने की कोशिश की थी। मगर सीमा पर चौकसी के कारण वे लोग अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो पाए थे। वहीं नेपाल से सटे राज्य की सीमाओं पर भी दोनों के फोटो और पहचान भेज दिए गए हैं, ताकि उन दोनों को पहचाना जा सके।
सीएम ने कहा सीबीअाई पर विश्वास नहीं को कोर्ट जाएं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में कहा कि सृजन घोटाले की जांच सीबीआई से हो रही है। घोटाले के आरोपित बख्शे नहीं जायेंगे। जिन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है, वे न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। वे चाहें तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से मॉनीटरिंग करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें कोई ऐतराज नहीं है।
परिषद में राजद सदस्यों द्वारा वेल में पहुंच कर असंसदीय शब्द बोलने, कार्य संचालन नियमावली के अनुसार आचरण नहीं करने की आलोचना करते हुए नीतीश ने कहा कि राजद सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना दुख की बात है। विपक्ष नियमसंगत सवाल उठाये। सरकार अपनी तरफ से पूरी जिम्मेदारी से जवाब देने को तैयार है।
सदन के प्रति सरकार जवाबदेह होती है। हर विषय पर सदस्य अपना विचार रखते हैं। विपक्ष किस घोटाले की बात को लेकर हंगामा कर रहा है। किसको मालूम था, इसके बारे में। अगर चेक बाउंस नहीं होता तो पता भी नहीं चलता। जबकि सरकारी खाते में राशि होने के बाद चेक बाउंस हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ अगस्त को मेरे संज्ञान में आया। नौ अगस्त को पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम में इसे पब्लिक डोमिन में लाया। इसके बाद वित्त विभाग से टीम भेजी गयी। जिला पुलिस को सहयोग करने के लिए इओयू से जांच करायी गयी। अधिकारियों को प्लेन से भेजा गया। जानकारी करने पर पता चला कि बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है। सरकारी राशि को सृजन सहकारी विकास समिति को दी गयी। हमें तो आश्चर्य लगा कि देश में कुछ भी हो सकता है।
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