PBK NEWS | नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद के शीतकालीन सत्र को छोटा करने के सुझावों के बीच केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि इस मसले पर कोई भी फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) ही करेगी।
केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी पत्रकारों को देने के क्रम में जब रविशंकर प्रसाद से सवाल किया गया कि क्या संसद का शीतकालीन सत्र प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के गुजरात चुनावों के मद्देनजर व्यस्त कार्यक्रमों का शिकार बन जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि सत्र के कार्यक्रम पर कोई भी फैसला सीसीपीए ही लेगी।
उन्होंने कहा, ‘अनंत कुमार (संसदीय मामलों के मंत्री) उनके (सीसीपीए सदस्यों) संपर्क में हैं.. अगर मंत्री लोगों के साथ संपर्क कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री संभ्रांतवादी नहीं है जो सिर्फ ट्वीट करते हैं।’
प्रसाद ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को यह याद दिलाया कि संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि गुलाम कश्मीर समेत पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह फैसला संसद के सभी सदस्यों पर लागू है। फारूक अब्दुल्ला लोकसभा के सदस्य हैं।
अयोध्या मसले के हल के लिए श्रीश्री रविशंकर द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि उनसे जुड़े सवाल उन्हीं से पूछे जाने चाहिए। जजों के रिश्वत से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका संबंधी सवाल पर कानून मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
News Source: jagran.com
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