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भोपाल में सिमी के कथित आतंकियों का एनकाउंटर : सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, राज्य और जेल प्रशासन को नोटिस

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PBK NEWS | नई दिल्ली: भोपाल में सिमी के कथित आठ आंतकियों को मुठभेड़में मार गिराने का मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और भोपाल जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना मामले की जांच एसआईटी या सीबीआई को दे दी जाए. सुप्रीम कोर्ट में एनकाउंटर में मारे गए कथित आतंकी की मां ने याचिका दायर की है. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी या फिर सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है. एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने की मांग की गई है.

आरोप है एनकाउंटर के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया : भोपाल जेल के हवलदार की हत्या के मामले की जांच सीबीआई या मध्य प्रदेश पुलिस के अलावा किसी दूसरी पुलिस से जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने एनकाउंटर के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया. यहां तक कि आदेशों का उल्लंघन करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिसकर्मियों को दो-दो लाख रुपये के इनाम की घोषणा की. याचिका में कहा गया कि इस वक्त मामले की तीन जांच चल रही है. मामले की जांच आईपीएस अफसर अनुराग शर्मा की अगुवाई में मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी कर रही है तो एसडीएम भी मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे हैं. वहीं सरकार हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसके पांडे से भी जांच करा रही है. लेकिन ये तीनों जांच राज्य सरकार के अंतर्गत चल रही हैं जिससे जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हो सकती. इसलिए सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी या सीबीआई से जांच कराए.

पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया : इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट याचिका को खारिज कर चुका है. उल्लेखनीय है कि भोपाल की जेल से 30-31 अक्टूबर 2016 की रात भोपाल की जेल में गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी अंडरट्रायल कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुआ था. कहा गया कि फरार होने से पहले इन कथित सिमी के आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे.

तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे: इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की जा रही थी.

जांच का दायरा एनकाउंटर तक रहेगा : इससे पहले भोपाल सेंट्रल जेल से कथित तौर पर फरार आठ कैदियों के एनकाउंटर के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. सरकार ने कहा था कि इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसके पांडे जांच करेंगे. सरकार ने यह भी साफ कर दिया था कि यह जांच केवल कैदियों के जेल से फरार होने तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जांच का दायरा एनकाउंटर तक रहेगा.

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