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बच्चो में कमजोरी के 5 लक्षणों को बिलकुल नजरअंदाज करना ठीक नही : डॉ. रामवीर गोस्वामी

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बादशाहपुर, 17 जुलाई (अजय) : संजीवनी अस्पताल बादशाहपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रामवीर गोस्वामी ने बच्चों में कमजोरी के लक्षणों पर बोलते हुए कहा कि बच्चों में ऊर्जा, उत्साह आदि होता है। स्कूल से आते ही बच्चे खेलने-कूदने में निकाल देते हैं। खेलने के बाद भी जल्दी थकान महसूस नहीं करते। बच्चों में पूरा दिन खेलने कूदने की क्षमता होती है। ऐसे में अगर आपका बच्चा खेलने कूदने में रूचि न लेकर चुपचाप बैठा रहता है और अगर खेलने जाता भी है तो जल्दी थकान महसूस करने लगता है और उदास रहता है तो हो सकता है कि बच्चा शारीरिक तौर पर स्वस्थ न हो। बच्चे कमजोरी के कारण भी इस तरह का बर्ताव करते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी होने के कारण बच्चों को न केवल खेलने, बल्कि चलने में भी दिक्कत हो सकती है। बच्चा सुस्त रहने लगता है। कई बार तो बच्चों में वीकनेस इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वह निजी काम कर पाने में भी सक्षम नहीं हो पाते। आपका बच्चा शारीरिक तौर पर कमजोर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए बच्चों में वीकनेस के कुछ लक्षण पहचाने की जरूरत है। बच्चों में सिरदर्द और थकान रहना, पैरों में दर्द और चलने में दिक्कत, बुखार आना , बांह और हाथों में दर्द, चेहरा सूखना के दौरान डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए

बच्चों में कमजोरी आने की वजह :

डॉ. रामवीर गोस्वामी कहते है कि बच्चे में कमजोरी आने के कई कारण हो सकते हैं। पोषण की कमी, मांसपेशियों में कमजोरी, पोलियो, एक्यूट फ्लेसिड मायलाइटिस और कई बीमारियों के कारण बच्चे में कमजोरी हो सकती है। वीकनेस होने के कारण बच्चे को काम करने में तो कठिनाई होती ही है, साथ ही बच्चे का विकास भी धीमी गति से होता है। उनकी लंबाई नहीं बढ़ती और कई कमजोर बच्चे अंडरवेट रहते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बच्चे की सभी जरूरी जांच करानी चाहिए।

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