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एएसआइ में बड़ा घपला, कर्मियों का पूरा वेतन मिला तो खुला करोड़ों का घोटाला

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PBK NEWS | नई दिल्ली । भारतीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के मध्यप्रदेश सर्किल के तहत मध्यप्रदेश में बड़ा घपला सामने आया है। एएसआइ के इस सर्किल में उत्खनन के कार्य में लगे कर्मचारियों के वेतन के नाम पर लगभग दो दशक से करोड़ों का घपला किया जा रहा था।

मामले का पर्दाफाश तक हुआ जब इस सर्किल में नोटबंदी के दौरान कर्मचारियों के खाते में सीधे वेतन पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हुई। एएसआइ ने मामले की जांच बैठा दी है। शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उससे इस घपले के करोड़ों में पहुंचने के संकेत मिल रहे हैं।

इस मामले को लेकर एएसआइ सतर्क है। आशंका है कि इस तरह के मामले अन्य राज्यों में भी हो सकते हैं। इस बारे में एएसआइ के अतिरिक्त महानिदेशक राकेश लाल ने कहा कि मध्य प्रदेश घपला मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट मध्यप्रदेश से मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

बता दें कि एएसआइ में अलग अलग साइट पर उत्खनन (खोदाई) के साथ साथ संरक्षण का कार्य वर्षभर चलता रहता है। इसके लिए अधिकतर राज्यों में दैनिक वेतन पर कर्मचारियों को लगाया जाता है। जिन कर्मचारियों को इस प्रकार की खोदाई की तकनीक समझ में आती है।

भविष्य में भी ऐसे कर्मचारियों को ही काम मिलता रहता है। इन्हें चार हजार रुपये से लेकर छह हजार रुपये तक वेतन के रूप में दिया जाता था।

ऐसा खुला घपला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 नवंबर, 2016 से लागू की गई नोटबंदी के बाद कर्मचारियों को वेतन भुगतान का आदेश बैंक खातों के माध्यम से दिए जाने के आदेश दिए गए। अप्रैल 2017 में पहली बार कर्मचारियों के खाते में पूरा वेतन आया।

पूरा वेतन आया तो घबरा गए कर्मचारी

मध्य प्रदेश के विदिशा, बडोह व और पठानी में तैनात 13 कर्मचारी अपने खातों में राशि देख कर घबरा गए। इनका कुछ माह से वेतन रुका हुआ था। कर्मचारियों के खाते में 72 हजार रुपये अधिक आ गए। इन लोगों ने अतिरिक्त राशि से डर कर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा।

पत्र में आग्रह किया कि उनके खाते में 4 हजार रुपये प्रति माह की जगह साढ़े नौ हजार रुपये के हिसाब से राशि आ गई है। इसे वापस ले लिया जाए। इसके बाद जांच के आदेश दिए गए।

इसके लिए 9 अगस्त को एएसआइ के लखनऊ सर्किल के अधिकारी एस के तिवारी, भोपाल के कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संजय आंग्रे व ललित शुल्क ने पठानी पहुंच कर जांच शुरू की।  प्राथमिक जांच में गड़बड़ी सही पाई गई है।

बढ़ाया गया जांच का दायरा

एएसआइ ने जांच का दायरा पूरे मध्य प्रदेश में बढ़ा दिया है। इस दायरे में मध्य प्रदेश के 650 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले 20-22 साल से कर्मचारियों के साथ घपला किया रहा था। यह घपला करोड़ों में हो सकता है।

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