PBK NEWS | लखनऊ। आपके खाते में भरपूर पैसा है, पर जेब में नहीं और बस से जाना भी जरूरी है। ऐसे में चिंता न करें। रोडवेज बस में बैठिए। कंडक्टर के पास मौजूद मशीन में अगूंठा लगाइए और टिकट लेकर आराम से सफर कीजिए। जी हां, परिवहन निगम प्रबंधन बहुत जल्द रोडवेज बसों में बिना कैश के सफर की सुविधा देने वाला है। कैशलेस टिकटिंग के लिए मशीनों का प्रेजेंटेशन चल रहा है। इस पर मुहर लगते ही बसों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
नई व्यवस्था के तहत कंडक्टर के हाथ पुराने टिकट और ई-टिकटिंग मशीन न होकर एक नई मशीन होगी। इसमें बायोमीट्रिक की तरह अंगूठा लगाने की व्यवस्था होगी। आधार कार्ड से जुड़ा होने के चलते जैसे ही यात्री अपना अंगूठा लगायेगा, मशीन चंद पलों में उसका मिलान करके खाता संख्या का कालम दर्शाएगी।
यात्री जैसे ही उसे गोपनीय तरीके से दर्ज करेगा। खाते से टिकट की धनराशि कट जाएगी। इसके बाद मशीन टिकट जेनेरेट कर देगी। इस टिकट के बॉटम में बैंक अकाउंट से कटी हुई धनराशि का ब्योरा भी दर्ज रहेगा।
जीएम विनीत सेठ के मुताबिक बीती चार अक्टूबर को दिल्ली में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यशवीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें सभी प्रदेशों के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, प्रबंध निदेशक समेत कई अधिकारियों ने शिरकत की थी।
इसमें भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दिया गया। इसमें सड़क परिवहन मंत्रलय की ओर से पूरे देश में 560 करोड़ कैशलेस ट्रांजेक्शन का लक्ष्य दिया गया। इसी को देखते हुए परिवहन निगम प्रबंधन इस कार्य में जुट गया है।
स्मार्ट कार्ड से भी टिकट का भुगतान संभव: नई मशीन पिछली ई-टिकटिंग मशीन से भिन्न होगी। इसमें डेबिट-क्रेडिट कार्ड, भीम एप व अंगूठा से पेमेंट करने की व्यवस्था होगी।
तैयार किया जाएगा नया सॉफ्टवेयर: कैशलेस व्यवस्था को प्रमोट करने के लिए नया साफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। एक ही मशीन में सभी तरह के भुगतान की व्यवस्था होगी।
बदली जाएंगी हजारों टिकट मशीनें: प्रधान प्रबंधक विनीत सेठ के मुताबिक इसकी तैयारियां चल रही हैं। विभिन्न कंपनियों की मशीनों को देखा गया है। जल्द ही इस पर स्वीकृति मिल जाएगी। मंजूरी के साथ ही तत्काल 15,000 मशीनें बदली जाएंगी।
95 फीसद यात्री नकद लेते हैं टिकट: परिवहन निगम की 12,500 बसों में प्रतिवर्ष तकरीबन 56 करोड़ यात्री सफर करते हैं। निगम अफसरों की मानें तो 95 फीसद यात्री सफर में टिकट नकद ही लेता है। ऐसे में डिजिटल इंडिया की कैशलेस व्यवस्था में रोडवेज का एक अहम योगदान हो सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद कहते हैं, बुधवार को विभिन्न मशीनों का प्रेजेंटेशन देखा गया। इनमें कई बेहतर दिखीं। इससे कैशलेस व्यवस्था तो प्रमोट होगी ही, भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक नकेल कसी जा सकेगी। प्रेजेंटेशन के दौरान निगम अध्यक्ष प्रवीण कुमार भी मौजूद रहे। बोर्ड बैठक में इसे रखा जाएगा।
News Source:- www.jagran.com
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