PBK NEWS | चंडीगढ़ । तीन साल पहले भाजपा ने कांग्रेस से आयातित नेताओं को अपनाकर अपने दम पर लोकसभा और विधानसभा में जीत हासिल कर शानदार जीत हासिल की तो, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। केंद्र और राज्य की सरकारों में भी कांग्रेस कल्चर के नेताओं को बतौर मंत्री जगह मिली। लेकिन, इन मंत्रियों के अहम ने फिलहाल भाजपा का चैन छीन लिया है। अभी भाजपा की कार्य संस्कृति को अंगीकार नहीं कर पाए इन नेताओं ने अपनी बाजीगिरी से पार्टी के लिए असमंजस की हालत पैदा की है।
सियासी बाजीगिरी में काडर आधारित संगठन को मिली चुनौती
यह स्वाभाविक भी है। कांग्रेस कल्चर से आए इन नेताओं को अभी भाजपा की संस्कृति समझने में वक्त लगेगा। वह भी समझना चाहें तब। यह भाजपा संस्कृति और कांग्रेस कल्चर का ही टकराव है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद से संबंधित केंद्र व राज्य के चार मंत्रियों की सियासी बाजीगिरी में काडर आधारित संगठन को चुनौती मिल रही है। इससे चिंताग्रस्त संगठन के बड़े नेताओं ने मंत्रियों की निजी राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है।
गुरुग्राम नगर निगम की मेयर टीम चुनाव में खुलकर सामने आया दो मंत्रियों का अहम
24 सितंबर को हुए गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा को तब गहरा झटका लगा जब इसे 35 सीटों में से महज 13 सीट पर ही जीत मिली। इस चुनाव में 21 निर्दलीय जीते और एक इनेलो का पार्षद बना। हार के इस दंश से बाहर निकलने के लिए गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्र में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और राज्य सरकार में लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने 21 निर्दलीय पार्षदों पर डोरे डाले तथा दोनों के प्रयास से कुछेक निर्दलीयों को छोड़ बाकी भाजपा के खेमे में आ गए।
अब बारी थी मेयर टीम यानी मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की। तीनों पद भाजपा की झोली में जाएं इसके लिए प्रदेश संगठन सक्रिय हो गया और दोनों मंत्रियों सहित स्थानीय भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल के बीच सहमति और सामंजस्य बनाया गया। किसी तरह की चूक न हो इसके लिए संगठन ने पड़ोसी जिले फरीदाबाद से संबंधित केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को इस चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया।
इसके बावजूद 3 नवंबर को जब चुनाव हुआ तो सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस समर्थित पार्षद प्रमिला कबलाना चुनाव जीत गईं। प्रमिला को 23 व भाजपा के ब्रह्म यादव को 12 मत मिले। दिलचस्प बात यह रही कि मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव सर्वसम्मति से हुए और दोनों पर भाजपा के पार्षद काबिज हुए। यानी जो 35 पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर भाजपा का चुन रहे थे वे सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी का विरोध कर गए।
गुर्जर ने दी संगठन के साथ विश्वासघात की रिपोर्ट
गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं को संगठन के साथ हुए विश्वासघात की रिपोर्ट दी। इसके बाद भाजपा के केंद्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला को तलब किया। दोनों ने गुर्जर की रिपोर्ट की तस्दीक की।
गुर्जर की रिपोर्ट में कहा गया था कि 3 नवंबर की सुबह केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह व राव नरबीर सिंह ने जिस नाम पर अपनी सहमति जताई थी, उसी के नाम का संदेश पार्षदों को सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए दिया गया था। गुर्जर ने विश्वासघात के लिए राव इंद्रजीत को दोषी ठहराया, लेकिन राव इंद्रजीत का तर्क था कि कुछ भाजपा पार्षदों ने क्रास वोटिंग की, इसकी जांच होनी चाहिए।
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फरीदाबाद में मंत्रियों मतभेद के बावजूद तीनों सीट पर जीती भाजपा
गुरुग्राम से पहले जनवरी महीने में फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव हुए और तब भी केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व राज्य के उद्योगमंत्री विपुल गोयल के बीच मेयर टीम में हिस्सा लेने की तनातनी थी। इस चुनाव में भाजपा ने कुल 40 सीटों में से 29 पर जीत दर्ज की थी और निर्दलीयों का समर्थन मिलाकर भाजपा खेमे में कुल 35 पार्षद हो गए थे।
बहुमत के आधार पर संगठन ने तय किया कि गुर्जर खेमे को मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर पद और विपुल गोयल समर्थक पार्षद को डिप्टी मेयर का पद दिया जाए। यहां जो संगठन ने तय किया वही हुआ और तीनों सीट पर भाजपा पार्षद जीते।
News Source: jagran.com
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