PBK NEWS | नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि आधार से जुड़े सभी मुद्दों पर संवैधानिक पीठ को फैसला करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने कहा कि आधार को लेकर निजता हनन समेत जो भी मुद्दे आ रहे रहे हैं उनका हल 5 जजों वाली संविधान पीठ ही कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट जन कल्याणकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य बनाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता और केंद्र सरकार को कहा कि वो मामले को चीफ जस्टिस के पास लें जाएं और संविधान पीठ के गठन की गुहार लगाएं. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आधार को लेकर अंतरिम रोक संबंधी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. उधर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार आधार को एकाग्रता शिविर की तरह इस्तेमाल कर रही है ताकि वो एक जगह से ही सभी नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रख सके. वहीं अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ये शब्द सही नहीं है.
दरअसल शांता सिन्हा व अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं में आधार को जोड़ने के लिए सरकार ने 30 जून डेडलाइन तय कर रखी थी जो पूरी तरह अवैध है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ 30 सितंबर तक उन्हें भी मिलेगा जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. केंद्र ने कहा था कि जिनके पास आधार नही है वो दस में से किसी भी दूसरे पहचान पत्र को दिखाकर योजनाओं का लाभ ले सकते है. जैसे राशन कार्ड, वोटर कार्ड आदि.
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