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पार्षदों का कार्यकाल समाप्त, निगम अफसर फोन नही उठाते, केसे होगा क्षेत्र का विकास

बादशाहपुर में मूलभूत सुविधाएँ नही मिलने से लोगों में निगम अफसरों के खिलाफ बढ़ रहा रोष

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बादशाहपुर, 12 दिसम्बर (अजय) : पिछले कुछ महीनों से नगर निगम के जेई और अन्य स्तर के अधिकारियों के व्यवहार को लेकर लोगों में रोष बढ़ता देखा जा रहा है। नगर निगम की समस्याओं के समाधान के लिए लोग अनेक बार फोन करते है, लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठाते, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है।

 लोगों का कहना है कि बादशाहपुर क्षेत्र की जनता के द्वारा की गई शिकायतों को सुनने के लिए नगर निगम के अधिकारी को कार्यवाही नही करते, जिससे अधिकारियों के काम करने के तरीके पर तमाम तरह के सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं। जनता की समस्याओं के समाधान के लिए चाहे कितनी भी शिकायतें की जाएं, अधिकारी उनका सही जवाब नहीं देते और उनका समाधान भी नही कराते।

 लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम के अधिकारी लोगों की शिकायतों को संज्ञान में लेने की बजाए उन्हें रद्दी समझकर अपनी टोकरी में डाल देते है। विभिन्न शिकायतों के बाद भी जनता की समस्याओं की तरफ निगम अफसरों की तरफ से उचित ध्यान ही दिया जा रहा है, जिससे साफ़ पता चलता है कि निगम अफसर बेलगाम हो चुके है।

सोमवार को भी क्षेत्र के लोगों ने जेई व् अन्य अधिकारीयों को फोन करके पेयजल आपूर्ति को लेकर शिकायत देने के लिए फोन किये तो वही समस्यां कब तक समाधान हो पायेगा की जानकारी लेनी चाही तो जेई प्रियदीप तथा अन्य अधिकारीयों ने जनता का फोन उठाना जरूरी नही समझा, वही जब पत्रकारों ने भी जेई को फोन किया तो फोन नही उठाया गया, यही नही व्हाट्स मेसेजे देने के बाद भी कोई रिप्लाई नही आया, जिससे साफ़ पता चलता है कि निगम अफसर कितने बेलगाम हो चुके है।

 एक तरफ निगम आयुक्त कहते है कि निगम कार्यालय से लोगों की समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निवारण किए जा रहा है तो वही निगम अधिकारी निगम आयुक्त के आदेशों की हवा निकालने में पीछे नही है। इससे साफ पता चलता है कि निगम के जेई व् अन्य अधिकारीयों को उच्च अधिकारीयों का कोई डर नही है, बताया यह भी जा रहा है कि इन अफसरों पर किसी बड़े नेता का हाथ है, जिसकी वजह से यह लोगों की समस्याओं को नही सुनते और अपना फोन उठाना जरूरी नही समझते।

 इससे पहले भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जनता की शिकायते नही सुनने और उनका समाधान नही करने के लिए आरोप लगते रहे, अफसरों की इस तरह की लापरवाही और तानाशाही कही न कही निगम प्रशासन की कार्यशेली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है, यह समस्या आम नागरिकों के बीच बढ़ती नाराजगी का कारण बन गई है। नगर निगम के उच्च अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए कि उन्हें नगर निगम के सफल प्रशासन की सुनिश्चित करना चाहिए।

अधिकारी वर्जन :

इस समस्या पर नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी सुमित कुमार सयुंक्त आयुक्त नगर निगम से बात की गई। तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और इस पर खुद संज्ञान लेने की बातें कही, उन्होंने कहा कि क्षेत्र में इस तरह की समस्याओं लोगों को फिर नही आएगी। उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर जनता की शिकायतों को पूरी तरह से सुनने और इनका समाधान करने के लिए निर्देश दिए हैं। निगम प्रशासनिक नियमों की पालना करके सभी नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए हमेशा तैयार हैं, इससे नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ाने का भी प्रयास किया जायेगा।

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