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देश की 6 से 12वीं पाठ्यक्रम में भगवत गीता हो शामिल : हिन्दू सेना

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बादशाहपुर, 22 मार्च (अजय) : स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में हरियाणा सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा जल्द से जल्द भगवत गीता को शामिल करना चाहिए, उक्त विषय में बोलते हुए हिन्दू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत यादव ने कहा कि गुजरात सहित अन्य राज्यों में भगवत गीता को छठी से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है, जिसका वह समर्थन करते है और सरकार से अनुरोध करते है कि पाठ्यक्रम में इसे अनिवार्य करना चाहिए। गुजरात सरकार की तरफ से जारी की गई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार को भी इस पर जल्द फेसला लेना चाहिय और इसी सत्र से सभी स्कूलों में भगवद गीता लागू कर देनी चाहिए। गुजरात में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कक्षा 6 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भगवद गीता शामिल हो जायेगी। गुजरात सरकार का यह अहम फेसला है। उन्होंने कहा कि भगवत गीता का सारांश यह है कि महाभारत का युद्ध हर मनुष्य को अपने जीवन में लड़ना है। जब तक नही लड़ोगे तब तक मुक्त नही होगी। परन्तु यह युद्ध हमे श्री कृष्ण ने 13वें अध्याय में बताया कि यह शरीर ही वह क्षेत्र है जहाँ यह युद्ध होता है। तो शरीर मे दो सेनाए है। एक पांडव अर्थात पुण्यमयी और एक कौरव अर्थात पापी। भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन से जुड़े उपदेश दिए हैं। इसमें परमात्मा की शक्ति को बताया गया है। गीता को स्कूल व कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं करने से लोग इस ज्ञान से वंचित हो रहे हैं। इस ग्रंथ को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर अनिवार्य विषय किया है। जब विदेश में भीमद् भगवद् गीता को अनिवार्य किया है तो भारत में भी होना चाहिए। हिन्दू सेना ने कहा कि 6 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में भगवद गीता शामिल को लेकर वह प्रदेश और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपनी मांग रखेगी और यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट का भी जाने में पीछे नही रहेगी।

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