नई दिल्ली,9अक्टूबर। अफगानिस्तान में भूकंप के कारण मृतकों की संख्या बढकर 2400 हो गई है। प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी और बचाव के प्रयास जारी हैं। माना जा रहा है कि भूकंप के कारण ध्वस्त भवनों के मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता से संबंधित मामलों के समन्वय कार्यालय ने कहा है कि भूकंप के कारण कम से कम 465 मकान ध्वस्त हो गए और 135 क्षतिग्रस्त हुए हैं।
शनिवार को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई। यह दो दशकों में आए सबसे भीषण भूकंपों में से एक था। इसका केन्द्र पश्चिमी शहर हेरात से चालीस किलोमीटर दूर था। भूकंप के शक्तिशाली झटके कम से कम तीन बार महसूस किए गए, इस दौरान बहुत सी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई और बडी संख्या में लोग मलबे में दब गए।
अफगानिस्तान को अक्सर भूकंप का सामना करना पडता है। विशेष रूप से हिन्दुकुश पर्वत श्रृंखला के क्षेत्र में हमेशा भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि यह यूरेशियाई और भारतीय टेक्टोनिक परतों के संधि स्थल के नजदीक स्थित है। पिछले वर्ष जून में अफगानिस्तान के पाकतिका प्रान्त में 5.9 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके कारण कम से कम 1000 लोगों की मृत्यु हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
Comments are closed.