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चिकित्सा क्षेत्र में सतर्क एवं सजग हुई दिल्‍ली सरकार, जानिए क्‍या किया बदलाव

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PBK NEWS | नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हुई घटना से सबक लेते हुए अपने अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों (एमएस) को पूरे अधिकार दे दिए हैं। अब एमएस को दवाइयां, उपकरण आदि खरीदने के लिए किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी।

सरकार ने खरीददारी करने की उनकी लिमिट भी बढ़ा दी है। अब वे एक करोड़ तक की राशि खर्च कर सकेंगे। जबकि अब तक छोटे अस्पतालों के एमएस को 10 लाख रुपये और बड़े अस्पतालों के एमएस 50 लाख रुपये तक की ही खरीददारी कर सकते थे।

इसके अलावा सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला लिया है। लोगों की सुविधा को देखते हुए यह नंबर 4 डिजिट का होगा। इसे अगले दो या तीन दिन में जारी कर दिया जाएगा। हेल्पलाइन पर होने वाले वार्तालाप की रिकार्डिंग भी कराई जाएगी। इस पर आने वाली शिकायतों की प्रतिदिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं समीक्षा करेंगे।

बता दें कि अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को लेकर बुधवार को दिल्ली सचिवालय में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दिल्ली के सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक व स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में प्रेसवार्ता कर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भरोसा दिलाया कि गोरखपुर वाली घटना दिल्ली में नहीं दोहराई जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के लिए कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।

इसे देखते हुए उन्होंने अस्पतालों के एमएस को पूरे अधिकार दे दिए गए हैं। बैठक में चिकित्सा अधीक्षकों को अस्पतालों में आक्सीजन गैस की उपलब्धता, अस्पतालों में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों की उपलब्धता व जरूरत वाली सभी दवाइयों के बारे में पूरी स्टेट्स रिपोर्ट ली गई।

जिसमें ऑक्सीजन सहित सभी आइटम उपलब्ध बताए गए। उन्होंंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग पर निगरानी रख रहे हैं। बैठक में यह बात निकल कर सामने आई कि दिल्ली के अस्पतालों में 90 फीसद तक दवाइयां स्टॉक में हैं, शेष 10 फीसद दवाइयोंं की कमी है उनको जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में आपूर्ति करने वाले  सभी ठेकेदारों का भुगतान 30 दिन में किए जाने के निर्देश दिए हैं। पहले यह पहले यह भुगतान 45 से 60 दिनों तक होता था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत से देश में हड़कंप मचा हुआ है। इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों की बुधवार को आपात बैठक बुलाई थी।

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