PBK NEWS | नई दिल्ली । दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर लग रहे आरोपों के बीच दिल्ली सरकार ने नालों की सफाई का कार्य कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में वह नालों की सफाई का कार्य नहीं कराएगी। सफाई का कार्य नगर निगमों का है। यह कार्य उनके पास ही जाना चाहिए।
बता दें कि नालों की सफाई को लेकर हर बार आरोप लगते रहे हैं। मगर इस बार नालों की सफाई को लेकर विवाद अधिक बढ़ गया है। नालों की सफाई का कार्य देखने के लिए उपराज्यपाल द्वारा बनाई गई कमेटी के मुखिया लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव हैं।
यह और आप सरकार आमने सामने है। नालों की सफाई को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि नाले साफ नहीं हुए हैं और सरकार को गलत रिपोर्ट दे दी गई है। यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है।
विधानसभा की याचिका समिति इस मामले में जांच कर लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव को सौंप चुकी है। ज्ञात हो कि पूर्व में नालों की सफाई का कार्य नगर निगमों के पास ही था। मगर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 60 फुट से चौड़ी सभी सड़कें और बड़े नाले नगर निगम से ले लिए थे। उसके बाद से लोक निर्माण ही इन बड़े नालों की सफाई करा रहा है।
उधर, दिल्ली सरकार में लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार का काम सफाई कराना नही है। लोक निर्माण विभाग के पास काबिल अभियंता हैं। जिन्हें निर्माण क्षेत्र में महारत हासिल है। हम उन पर लाखों रुपये खर्च करते हैं। मगर हम उनका टैलेंट नालों की सफाई में लगा रहे हैं। इससे दूसरे काम भी प्रभावित होते हैं। सफाई का काम नगर निगमों का है। यह कार्य उनके पास जाना चाहिए। आने वाले समय में हम इस बात को रखेंगे। हम नगर निगमों को नाले सौंपने के लिए तैयार हैं।
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