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दिल्‍ली में पानी पर सियासत तेज, दिल्‍ली सरकार ने बैठाई जांच

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PBK NEWS | नई दिल्ली । दिल्ली में पानी की बड़े स्तर हो रही चोरी का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने जांच बैठा दी है। जांच के तहत यह पता लगाया जाएगा कि 235 एमजीडी पानी कहां जा रहा है।

दिल्ली में औसतन 900 एमसीडी पीने का जल उपलब्ध रहता है, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा जल विभाजन के कराए गए आंकलन में यह बात सामने आई है कि प्रतिदिन दिल्ली में 665 एमसीडी पानी की जल बोर्ड के सिस्टम से जनता तक पहुंचता है।

जबकि 235 एमजीडी पीने का जल कहां जा रहा है। इसका कछ अता पता नहीं है। दिल्ली जल बोर्ड अभी तक  दिल्ली सरकार को विभिन्न रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से कहता रहा है कि 235 एमजीडी जल वितरण व्यवस्था के लिए पानी की लाइनें ठीक न होने से नालियों में बह जाता है।

मगर सरकार इस गलत जानकारी मान रही है। सरकार का मानना है कि 235 एमजीडी में से हो सकता है कि कुछ फीसद नालियों में बह जाता हो। मगर इतने बड़े स्तर पर ऐसा संभव नहीं है। जल वितरण में गड़बड़ी की मिल रहीं शिकायतों के बाद सरकार को जल वितरण में घपले की आशंका बढ़ गई है।

सरकार को सूचनाएं मिल रही हैं कि जल बोर्ड के जल वितरण के नाम पर बड़ा घपला हो रहा है। कई स्थानों पर अवैध रूप से पानी की लाइनें तक बिछाई गई हैं। जिसमें कई बड़े होटलों में अवैध लाइनों से पानी दिया जा रहा है।

दक्षिणी दिल्ली, बाहरी दिल्ली व उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के कई फार्म हाउसों सहित विभिन्न स्थानों पर लगे पानी के प्लांट व बर्फ की फैक्ट्रियों में जल बोर्ड के पानी की अवैध आपूर्ति हो रही है। इसके अलावा बड़े स्कूलों व निजी शिक्षण संस्थानों सहित विभिन्न व्यावसायिक इमारतों में अवैध रूप से पानी की आपूर्ति की की शिकायतें आदि शामिल हैं।

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मई के अंतिम सप्ताह में जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केशव चंद्रा को पत्र लिखकर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा था। मगर जवाब में बताया गया कि कुल उपलब्ध होने वाले में से लगभग 25 फीसद पानी की बर्बादी हो जाती है।

चंद्रा की ओर से दिए गए जवाब से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने जल बोर्ड से इसका वास्तविक पता लगाने के लिए कहा है। वहीं उन्होंने जल मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्तर पर इस मामले की जांच कराएं। बताया जा रहा है कि जल मंत्री गौतम ने इस घपला का पता लगाने के लिए अपने स्तर पर जांच बैठाई है। जो विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रख कर जांच कर रही है।

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