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`डेंगू: नोएडा में मिला डेंगू का खतरनाक वेरिएंट, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

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नई दिल्ली,15 सिंतबर। इन दिनों देश के कई हिस्सों में डेंगू का प्रकोप चरम पर है. डेंगू के नाम से सरकारें भी चौकन्नी हैं. इसके बावजूद डेंगू के मामलों में कमी नहीं आ रही है. विशेषतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल और दिल्ली में डेंगू के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बीच चिंता की बात यह है कि डेंगू का एक नया वेरिएंट मिला है, जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक और घातक है. इस वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के माथे पर भी चिंता की लकीरें आ गई हैं. Delhi-NCR से सीरोटाइप सर्वे के लिए भेजे गए सैंपलों में डेंगू के इस नए डेन-2 वेरिएंट की मौजूदगी का पता चला है. इस वेरिएंट को डेंगू का अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट माना जा रहा है.

 

34 प्रतिशत सैंपल में DEN2 वेरिएंट–
स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा से 50 से ज्यादा सैंपल सीरो जांच के लिए लखनऊ भेजे गए थे. इन सैंपल में से कुल 17 सैंपल में DEN-2 वेरिएंट की पुष्टि हुई है. इस तरह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए सैंपल्स में से करीब 34 फीसद में इस खतरनाक वेरिएंट की पुष्टि हुई है. NCR के दूसरे शहर गाजियाबाद में भी डेंगू पॉजिटिव मामलों की संख्या 400 से ऊपर पहुंच गई है. ज्ञात हो कि DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4 नाम के डेंगू के चार अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं. इन वेरिएंट की वजह से व्यक्ति को बहुत तेज बुखार आता है और इनमें से DEN-2 स्ट्रेन को सबसे खतरनाक माना जाता है.

डेंगू के लक्षण –
डेंगू के DEN-2 स्ट्रेन के लक्षण बहुत ही आम होते हैं. लेकिन अगर समय पर इनका उपचार न किया जाए तो यह बहुत घातक साबित हो सकते हैं –

तेज बुखार
सिरदर्द
बदन दर्द
जोड़ों में दर्द
थकावट
त्वचा पर चकत्ते
फ्लू
पेटर दर्द
उल्टी

डेंगू के इस वेरिएंट के पीड़ित कुछ ही मरीजों को पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण महसूस होते हैं. इस वेरिएंट की वजह से मरीज के शरीर पर लाल धब्बे बन जाते हैं, प्लेटलेट्स काउंट में भी बहुत तेज गिरावट देखने को मिलती है. प्लेटलेट्स गिरने के कारण मरीज को ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है. इस दौरान हेमरेजिक बुखार हो सकता है, जिसके कारण मरीज की हालत बिगड़ सकती है.

कब दिखते हैं लक्षण
डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं. डेंगू मच्छर के काटने के 3-4 दिन बाद मरीज में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं. कई बार बुखार नहीं आता है. हालांकि, इसका सबसे अहम लक्षण बुखार ही है. यह बुखार 4 से 10 दिन तक रह सकता है. बुखार और लक्षण कितने दिन तक दिखेंगे यह व्यक्ति की उम्र, लिंग, इम्यूनिटी और उसकी मेडिकल कंडीशन पर निर्भर करता है.

डेंगू से कैसे बचें –
डेंगू से बचने का एकमात्र रास्ता डेंगू के मच्छरों से बचना है. मच्छरों को पनपने से रोकने और उन्हें आपको काटने से रोकने के लिए आप निम्न कुछ काम कर सकते हैं –

. पानी के बर्तनों को ढक कर रखें.
. पानी की टंकी की नियमित तौर पर सफाई करें.
. कूलर का पानी निकालकर साफ करें या उसमें केरोसिन तेल डालें.
. खुले में पानी इकट्ठा न होने दें.
. मच्छरों को घर में आने से रोकने के उपाय करें.
. डेंगू से बचने और मच्छरों को दूर भगाने के लिए मॉस्क्विटो कॉइल और क्रीम का इस्तेमाल करें.
. मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.

देखा जाता है कि डेंगू का मच्छर जुलाई से अक्टूबर के बीच काफी तेजी से पनपता है. इस साल की बात करें तो इस बार बरसात के मौसम में गंगा, यमुना सहित कई नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया था और कई जगह बाढ़ के हालात बन गए थे. इसकी वजह से मच्छरों को पनपने का मौका मिला. पिछले साल के मुकाबले अब तक डेंगू के मामलों में चार गुना बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है.

हालिया बारिश ने हालात और खराब किए-
हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से डेंगू के एडीज मच्छर के पनपने के लिए माहौल और भी अच्छा बना दिया. डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियां शुरू होने तक डेंगू के मामलों में राहत मिलने के आसार नहीं हैं. जिन भी जगहों पर अभी पानी जमा हैं, वहां लोगों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.

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