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देश को बदलने के पहले खुद बदलें इमरान

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लंदन । पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान पर उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान ने एक बार फिर वार किया है। हाल ही के एक साक्षात्कार में रेहम ने पूर्व पति इमरान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो देश को बदलने की बात कहते हैं, उन्हें पहले खुद बदलना चाहिए। उन्होंने इमरान को नसीहत देते हुए कहा कि दूसरों को उपदेश देने से पहले आप स्वयं उस पर अमल करना शुरू करें।

पहले आप खुद ईमानदार बनें, तब दूसरों को ईमानदारी का पाढ़ पढ़ाएं। इमरान के साथ अपने वैवाहिक रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर रेहम ने साफ शब्दों में कहा मैंने इमरान से शादी की थी, इमरान ने कभी मुझसे शादी नहीं की। उनके लिए यह शादी सिर्फ अपने व्यावहारिक उद्देश्यों को पूरा करने का एक सुविधाजनक माध्यम थी। आज मैं यह निश्चित रूप से नहीं कह सकती कि उन्हें मुझसे शादी करने के लिए किसने कहा था।
रेहम ने कहा बाहरी तौर पर इमरान से मिलना एक सुखद अनुभव था। वह रेहम के घर चलाने के तरीकों, राजनीतिक समझ, मजबूत विश्वास यहां तक कि बोलने की शैली की अक्सर तारीफ किया करते थे। रेहम ने कहा उनके बीच कभी झगड़ा नहीं हुआ। उन्होंने कहा मैंने पूर्व पत्नी के साथ इमरान के संबंध, उनके बच्चों, बहन या दोस्तों से उनके संबंधों को लेकर कभी दखल नहीं दिया। उनके वैवाहिक जीवन में सबसे तनावपूर्ण समय तब आया जब उनके बारे में झूठी बातें फैलाई जा रही थीं और इमरान ने उनका बिल्कुल समर्थन नहीं किया। यहां तक कि उन्होंने रेहम को फैसला लेने में भी हतोत्साहित किया।
रेहम ने यह आरोप भी लगाया कि इमरान की पार्टी के सदस्यों ने उनकी आत्मकथा के हिस्सों को लीक कर दिया और इसे पोर्नोग्राफिक तक करार दिया। वह आत्मकथा के कुछ हिस्सों का पीडीएफ सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजने लगे। रेहम का कहना है कि उनको पता था कि ये लोग न सिर्फ किताब को बदनाम करना चाहते थे, बल्कि उसकी बिक्री को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। रेहम ने कहा इमरान के समर्थको ने उन्हें किताब नहीं छापने के लिए भी डराया धमकाया।
उन्होंने इसे खुद छपवाने का फैसला लिया। रेहम से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने यह किताब इमरान को बदनाम करने के लिए लिखी है, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल गलत धारणाओं पर आधारित है। इमरान की पार्टी पीटीआई ने ऐसा दुष्प्रचार किया है। उन्होंने कहा दरअसल इस किताब को बहुत पहले लिखा जाना चाहिए था। किताब के प्रति मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, वे 200 प्रतिशत सकारात्मक हैं। यह किताब अपनी तरह की पहली किताब होगी।

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