[post-views]

समग्र-भाषा वाली कक्षा की विशेषताएं अहम : अशोक यादव

136

PBK News, 3 जुलाई (ब्यूरो) : समग्र-भाषा वाली कक्षा की विशेषताएं वाली कक्षा आज के युग में स्कूलों में अहम होने लगी है अशोका इंटरनेशनल स्कूल के संचालक अशोक यादव कहते है कि अपने आलेख में वे ग़ौर करने वाली बात लिखते हैं, समग्र भाषा की कक्षा का गहराई से किया गया अवलोकन उसकी कई परिभाषाओं को जानने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

ऐसा इसलिए क्योंकि कक्षा में ही समग्र भाषा के सिद्धांतों, परिभाषाओं और प्रक्रियाओं को उतरते हुए देखा जा सकता है। अगर हम समग्र भाषा पद्धति की कुछ कक्षाओं का अवलोकन करें तो पाएंगे कि कोई भी दो कक्षाएं एक जैसी नहीं होती हैं। इसके बाद भी कुछ निश्चित रणनीतियां हर कक्षा में शामिल होती हैं।

अशोक यादव ने बोलते हुए कहा कि समग्र-भाषा वाले शिक्षण को होल लैंग्वेज अप्रोच भी कहते हैं। इसमें शिक्षक बच्चों को प्रतिदिन कहानी-कविता सुनाते हैं। बच्चों को कहानी व कविताओं के स्वतंत्र पठन का समय दिया जाता है। बच्चों को विभिन्न घटनाओं पर चर्चा के लिए प्रेरित किया जाता है। उनको कहानी पर अनुमान लगाने और अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर दिया जाता है। ऐसी कक्षा में बच्चों के विचारों के लिए पर्याप्त जगह होती है, शिक्षक बच्चों के विचारों व सवालों का सम्मान करते हैं।
समग्र-भाषा की कक्षा में अर्थ निर्माण के ऊपर ध्यान दिया जाता है। इस तरह के शिक्षण में बच्चे कहानियों से वाक्य संरचना, शब्दों के अर्थ इत्यादि स्वतः सीख जाते हैं। ऐसी कक्षा में बच्चों के ऊपर कोई दबाव नहीं होता। वे सहजता के साथ भाषा कालांश में भागीदारी करते हैं। समग्र भाषा शिक्षण में लेखन के अंतर्गत नए विचारों को व्यक्त करने और दोस्तों के साथ साझा करने को प्रोत्साहित किया जाता है। भाषा शिक्षण के ऐसे तरीके में हर बच्चे को भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ताकि वह सक्रिय रहकर सीख सके।

Comments are closed.