शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल तंत्र व किसानों को योजनाबद्ध तरीके से बर्बाद कर रही है बीजेपी-जेजेपी : हुड्डा
बादशाहपुर, 26 अप्रैल (अजय) : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज स्वर्गीय राव धर्मपाल की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस मौके पर विधायक रघुबीर सिंह कादयान, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, आफताब अहमद, राव दान सिंह, कुलदीप वत्स समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। हुड्डा ने कहा कि राव धर्मपाल का पूरा जीवन समाजसेवा व जनहितैषी राजनीति को समर्पित रहा। वो दोस्तों के दोस्त और भाईयों के भाई थे। वो सभी के मन पर अपनी एक अलग छाप छोड़कर गए हैं। वो जो जगह खाली करके गए हैं वो कभी नहीं भर सकती है।
श्रद्धांजलि सभा के बाद जारी बयान में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की। उन्होंने है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-खिलाड़ी और किसान विरोधी है। इस सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल तंत्र का बंटाधार कर दिया है। हुड्डा ने स्वास्थ्य सेवाओं का उदहारण देते हुए बताया कि महकमे में 10 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकार ने महामारी से भी कोई सबक नहीं लिया। खाली पदों को भरने की बजाए कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने वाले कच्चे कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया। इसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कुरुक्षेत्र में 72 बेड पर 140 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। एक-एक बेड पर दो-दो, तीन-तीन मरीजों को रखा जा रहा है। अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को 2- महीने इंतजार करना पड़ रहा है। सिर्फ कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरे हरियाणा की यह स्थिति है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने हरियाणा में 4 मेडिकल कॉलेज और सैंकड़ों अस्पताल बनाएं थे। इसी दौरान खानपुर महिला यूनिवर्सिटी, एम्स-2, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान प्रदेश में आए। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार आज अस्पतालों में स्टाफ व सुविधाएं तक देने में नाकाम है।
आज हालात यह है कि स्कूलों में पढ़ाने के लिए टीचर तक उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश में 63 स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक भी टीचर नहीं है। करीब 40 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक टीचर है। सरकार द्वारा सैंकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है और गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा का अधिकार देने वाले नियम 134ए को खत्म किया जा रहा है। सरकार ने तूड़ी बेचने को भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल कर दिया है और इसपर धारा 144 लगा दी है। यह इतिहास की पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों की तूड़ी को भी नहीं बख्शा।
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