गुरुग्राम में लगातार गर्मी के चलते तापमान बढ़ता जा रहा है, जिससे लू के थपेड़ों से जहां बड़े परेशान है तो वही बच्चों में भी कई तरह के बदहाल देखे जा रहे है। उक्त विषय में जानकारी देते हुए संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर रामवीर गोस्वामी ने बताया कि बढ़ते तपमान से बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है। यदि बच्चों का शरीर गर्म है तो जरूरी नहीं कि सामान्य बुखार ही हो। यह हीट स्ट्रोक यानी हाइपर थरिया हो सकता है। दिन प्रति दिन बढ़ रही गर्मी में बच्चों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एक साल से छोटे बच्चों के लिए यह घातक हो सकता है। तापमान के बढ़ने के साथ शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। दिमाग की एक ग्रंथी हाइपो थैलेमस शरीर के हीट रेग्युलेटरी सिस्टम की तरह काम करता है। यह शरीर के टेंपरेचर को संतुलित रखने का काम करता है। तेज गर्मी के कारण कई बार ग्रंथी में कमजोरी आ जाती है और यह काम करना बंद कर देता है। ऐसे में तापमान का संतुलन बिगड़ जाता है। शरीर की अत्यधिक हीट बाहर नहीं निकल पाती। इससे शरीर गर्म होने लगता है। शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन से भी ऐसा होता है।
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