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पूर्व मंत्री राव धर्मपाल की पुण्यतिथि कल, सोहना रोड पर श्रद्धांजलि सभा

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने निवास पहुंचकर दिया था पार्टी में शामिल होने का निमन्त्रण

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बादशाहपुर, 25 अप्रैल (अजय) : गुरुग्राम से किसान पुत्र बादशाहपुर विधानसभा से विधायक रहे एवं हरियाणा के पूर्व मंत्री राव धर्मपाल की कल तीसरी पुण्यतिथि है। जिनके लिए परिवार के लोगों की तरफ से कल सोहना रोड स्थित जीएनएच कन्वेंशन हॉल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है, जहां क्षेत्र के लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगें। राव धर्मपाल का जन्म 2 अप्रैल 1942 में गांव सरहौल जिला गुरुग्राम के एक जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय महाराम यादव के घर में जन्म हुआ था। स्वर्गीय महाराम सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य थे।  राव धर्मपाल का विवाह विद्या देवी धर्म निष्ठ महिला के साथ हुआ था। उनके परिवार में दो पुत्र श्री वीरेंद्र व सुरेंद्र तथा दो पुत्री सरिता व गीता हैA राव धर्मपाल ने पंजाब विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने के उपरांत ऑटोमोबाइल मे डिप्लोमा कठिन परिस्थितियों में रह कर किया। किसान परिवार में जन्म होने के कारण शुरू के कुछ वर्षों में खेती बाड़ी की तथा अपना व्यवसाय शुरू कर एक सफल व्यवसाई बनकर उभरे

राव धर्मपाल कॉलेज के समय से ही गरीब व दलित लोगों के प्रति सेवा भाव दिल में जन्म ले चुके थे। यही सेवा भाव उन्हें राजनीतिक लोगों के संपर्क में ले आया। आम लोगों की सेवा करते करते वह और अधिक मजबूत होते चले गए तथा उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

वर्ष 1987 में जब पार्टी का टिकट नहीं मिला तो आसपास के गांव के मौजीज लोगों के सहयोग से और समर्थन के बाद राव धर्मपाल ने सोहना विधानसभा क्षेत्र से आजाद उम्मीदवार लड़कर क्षेत्र से प्रथम बार विधायक चुने गए। वर्ष 1987 में लोकदल की एकतरफा हवा होने के बावजूद चुनाव जीतने पर विभिन्न राजनीतिक दलों के आकाओं ने डोरे डालने शुरू कर दिए। उसके पश्चात राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री उनके निवास स्थान पर मिलने के लिए आए तथा आशीर्वाद दिया कि आप आज से अपने आप को कांग्रेस पार्टी का विधायक समझे।

विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की तथा वर्ष 1991 में कांग्रेस पार्टी से सोहना विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। राव साहब को भारी मतों से जीत मिली तथा भजनलाल की सरकार से वर्ष 1991 से 1996 तक मंत्री पद पर सुशोभित रहे। उसके पश्चात वर्ष 2000 में फिर से सोहना विधानसभा से विधायक बने। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी के प्रधान बनाए गए तो उनके नेतृत्व में पार्टी के संगठन में वरिष्ठ उपप्रधान बनकर पार्टी में कार्य किया। पार्टी के कार्य से प्रभावित होकर पार्टी द्वारा उन्हें ओबीसी सेल का चेयरमैन नियुक्त किया गया। डीलिमिटेशन के बाद वर्ष 2000 में बादशाहपुर विधानसभा का गठन हुआ। एक बार फिर वर्ष 2000 में बादशाहपुर विधानसभा से भारी मतों से जीत हासिल की। अपने राजनीतिक जीवन में कई विधानसभा कमेटी के चेयरमैन व सदस्य रहे। राव धर्मपाल एक योगी व निष्ठावान व्यक्ति थे। 26 अप्रैल 2021 को 79 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि राव धर्मपाल अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके सिद्धांत व उनके द्वारा कराए गए कार्य हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे तथा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत रहेंगे।

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