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समान्य मरीज ताकतवर अस्पतालों के खिलाफ नही उठा सकता आवाज

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निजी अस्पतालों का स्वामित्व राजनीतिकों, पूंजीपतियों और अन्य ताकतवर लोगों के पास होने से उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी सामान्य मरीज की कैसे हो सकती है! फोर्टिस अस्पताल के ताजा मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जरूर संज्ञान लिया है और उसने सभी प्रदेशों और केंद्रशासित राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेज कर अस्पतालों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि चिकित्सीय संस्थाओं द्वारा की जाने वाली गड़बड़ियों से न केवल मरीज की स्थिति बल्कि स्वास्थ्य देखभाल और उपचार लागत में जवाबदेही को लेकर भी चिंताएं पैदा होती हैं।

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