गुरुग्राम, 22 मार्च (ब्यूरो) : जीवन को सार्थकता प्रदान करने वाले सूत्रों में अनुशासन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उक्त विषय में नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल ने कहा कि अनुशासन जीवन में नूतन ऊर्जा और आलोक प्रधान कर उसकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। अनुशासन हमारे जीवन की केंद्रस्थ धुरी है। एक अनुशासित व्यक्ति के अंदर आज्ञाकारी होने का गुण होता है। इससे नियमित रूप से कार्य करने की क्षमता का विकास होता है। अनुशासन द्वारा कर्तव्य और अधिकार का समुचित ज्ञान होता है। यह एक ऐसा गुण है जिससे मनुष्य सर्वप्रिय बन जाता है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कई ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है, यदि अनुशासन का पालन नहीं किया जाए तो हमारा जीवन दुर्गति को प्राप्त हो जाएगा। महात्मा गांधी ने कहा था कि सारे अनुशासन की जड़ व्यक्तिगत अनुशासन है, जब तक कोई भी व्यक्ति अपने आप अनुशासन और नियम पालन में बंध नहीं जाता तब तक उसे दूसरे से वैसा करने की आशा करना व्यर्थ है।
अनुशासन हमारे जीवन में सभी व्यवहारों के स्वरूप को संदर्भित करता है। जिसका पालन किया जाना चाहिए, जब इन कारकों को एकीकृत किया जाता है तो वह जीवन में घटनाओं के सामाजिक और व्यक्तिगत क्रम को बनाए रखने में सहायता करते हैं। यह जवाबदेही और विश्वसनीयता की भावना उत्पन्न करता है और लोगों को अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। अनुशासन के बिना जीवन उस नाव की तरह है, जिस नाव पर कोई नाविक नहीं होता और वह लहरों की भंवर में फंस कर भटक जाती है। वर्तमान दौर में लोग इतने अधिक अनुशासनहीन होने लगे हैं कि उन्हें अनुशासन की दीक्षा देने की नौबत आ गई है। प्रकृति के अनुसार अनुशासन का अर्थ सीखने के लिए हर किसी के पास अलग-अलग समय और क्षमता है। इसलिए कभी भी हार का न माने और हमेशा अनुशासन में रहने की कोशिश करें क्योंकि आज का उठाया गया एक छोटा कदम चल के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
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