गुरुग्राम (अजय) : प्रचारक विजय कुमार का कहना है कि अकारण विरोध कर देश के संसाधनों को नष्ट करने वालों के खिलाफ राष्ट्र द्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। जो लोग पुलिसबलों पर पथराव करे, रेल की पटरियों को उखाड़े, बच्चों से भरी बसों में आग लगाने का पाप करे,वो किसी भी सहानुभूति के पात्र नहीं हो सकते। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। वे मंगलवार देर सांय विवेकानंद आरोग्य केंद्र सभागार में नागरिक संसोधन कानून पर परिचर्चा में मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे। आरएसएस संपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस परिचर्चा में शहर की तीस से अधिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि के अलावा सेवानिवृत न्यायधीश, आई ए एस अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल थे। मंच का संचालन जिला संपर्क प्रमुख चिदंरम ने किया। आरएसएस प्रान्त प्रचारक का मानना है कि नागरिक संसोधन कानून पूरी तरह से भारतीय संस्कारों के अनुरूप है। इसमें केवल पकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्थान के बहुसंख्यक समाज द्वारा धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत की शरण में आये अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिकता देने की बात है, इनमें किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता जाने का सवाल ही नहीं है।लेकिन अराजक मानसिकता वाली कुछ विचारधाराएं इस कानून के विरोध की आड़ में देश में अराजकता का माहोल पैदा करना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वामपंथी विचार को मानने वाले शिक्षण संस्थानों को बर्बाद कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जो हर अच्छे काम का विरोध करे वही कम्युनिस्ट है। उन्होंने कहा कि विडंबना यह कि ऐसी कुटिल मानसिकता लोगों को कोई भी प्रमाणपत्र न दिखाने के लिये भड़का रही है।बल्कि अपने को रंगा बिल्ला कहने को उकसा रहे है जबकि रंगा बिल्ला बलात्कारी थे। समझ में नहीं आ रहा कि ये मानसिकता देश को किस दिशा में ले जाना चाहते है। उन्होंने विरोध करने वालों से पूछा शाहीन बाग में किसकी प्रेरणा से लोग बैठे है, कौन उनको फंडिंग कर रहा है, एक महीने से अधिक रोड़ जाम कर लाखों लोगों को परेशान करने के पीछे उनकी मंशा क्या है।श्री विजय कुमार का मानना है कि विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिये। जो राष्ट्र हित कार्य है उसका सबको समर्थन करना चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नागरिक संसोधन कानून का विरोध करने वालों को सरकारी स्तर, मीडिया द्वारा खूब समझाने का प्रयास भी किया गया लेकिन जो अराजक मानसिकता वाले समझने को तैयार ही नहीं है।नागरिक संसोधन कानून हर देश में है। विरोध केवल भारत में हो रहा है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि हमे अपने अपने स्तर पर लोगों को समझाने व इसके समर्थन में उपयुक्त के मध्यम से ज्ञापन देने चाहिए। सार्थक कार्य का समर्थन ही राष्ट्रीयता है।इस अवसर पर विशेष तौर पहुंचे वरिष्ट पत्रकार राहुल देव ने ये तो माना कि नागरिक संसोधन कानून सरकार का सहरानीय प्रयास है।ये एक महत्वपूर्ण कानून है लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस कानून से कुछ लोगों विशेष कर मुस्लिमो में डर का माहौल है, उसे दूर किया जाना चाहिए।अभी संवाद का अभाव दिखाई दे रहा है। यह कानून पहली बार नही बना पहले भी ऐसे प्रयास हो चुके है। लेकिन सामाजिक सरोकार का कानून डर से नहीं बल्कि सद्भावना से ही कारगर हो सकता है। उनके अनुसार इस कानून का विरोध राजनीति कारणों के अलावा स्वयं प्रेरणा से भी हो रहा है। इस परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे प्रो. एच एल वर्मा मानते है कि ये देश हित मे अच्छा कानून है। इसे सख्ती से लागू करना चाहिये।इसका विरोध असवैधानिक है। लेकिन अभी जागरूकता का अभाव है। कुछ लोग पैसे लेकर भी विरोध कर रहें है।इनमें और अधिक गति से सरकार व सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। इस मौके पर आरएसएस विभाग संघ चालक प्रताप यादव, विभाग संपर्क प्रमुख प्रदीप शर्मा,जी आई ए अध्यक्ष जे एन मंगला,सनसिटी,झाड़सा,सुशांत लोक,सेक्टर पांच सेक्टर तेईस सहित दस से अधिक आर डब्लू ए के अध्यक्ष ,बाल्मीकि संघ,गोवंश संस्कृति मंच,आल इंडिया सैनी सभा, शब्द शक्ति,सिख संगत,पूर्वांचल जन कल्याण,नेशनल ह्यूमन वेलफेयर, दीप शिखा सोसाइटी,श्रीराम सेवा मंडल, मेजर दीनदयाल संस्था, डी एच बी वी एन, बार कौंसिल गुरुग्राम,चिराग वेलफ़ेयर कॉउंसिल, नमो सेना हरियाणा, ब्राह्ममण सेवा वेलफ़ेयर, ब्रजरास गौ सेवा, वैश्य समाज, ब्राह्मण वेलफ़ेयर,के अलावा अनेक सामाजिक,धार्मिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
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