किसके संरक्षण में चल रहा शराब तस्करी का गोरखधंधा
• गत वर्ष लॉक डाउन के दौरान शराब घोटाला करने वालों पर क्या कार्रवाई हुई
• एक तरफ हांसी से वेंटिलेटर खाली पड़े होने की ख़बरें सामने आ रही हैं और दूसरी तरफ वेंटिलेटर के अभाव में लोग दम तोड़ने को मजबूर • लगता है पूरा सरकारी तंत्र ही वेंटीलेटर पर चला गया है 11 मई : राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश में लॉक डाउन के बावजूद हो रही शराब तस्करी पर हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार बताए कि लॉक डाउन में शराब तस्करों की बल्ले-बल्ले क्यों हो जाती है। उन्होंने कहा कि बोंदकलां पुलिस ने बीते दिनों शराब की 290 तथा फतेहाबाद की भूना पुलिस ने 340 शराब की जो पेटियां बरामद की वो शराब कहां से निकली इसका पता लगाने से भी ज्यादा जरुरी ये पता लगाना है कि शराब तस्करों को किसका संरक्षण मिला हुआ है। किसके संरक्षण में शराब तस्करी का गोरखधंधा चल रहा है। पूरा प्रदेश पिछले साल भी लॉक डाउन के दौरान हुए शराब घोटाले का गवाह है। जब पूरी दुनिया कोरोना की पहली लहर से लड़ाई लड़ रही थी तब लॉकडाउन में ठेके बंद रहते हुए भी हरियाणा में धड़ल्ले से शराब बिकी और हज़ारों करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई। अवैध तस्करी और चोर दरवाजे से महंगे दामों पर शराब की होम डिलीवरी तक की गई। शराब माफिया, प्रशासन और सरकार में उच्च पदों पर बैठे राजनीतिज्ञों ने गठजोड़ करके करोड़ों रुपए के इस शराब घोटाले को अंजाम दिया। कुछ दिन शोर मचने के बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया। आज ये भी पता नहीं है कि जांच रिपोर्ट कहां है। लगता है कि जांच रिपोर्ट की फाइल किसी सरकारी दफ्तर में धूल फांक रही होगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार जिन लोगों ने करोड़ों रुपये के शराब घोटाले को अंजाम दिया जब उनका कुछ नहीं बिगड़ा तो इस बार फिर तस्करों के हौसले बुलंद हो गये। सरकार बताये कि गत वर्ष लॉक डाउन के दौरान शराब घोटाला करने वालों पर क्या कार्रवाई हुई।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस हाईलेवल शराब घोटाले पर पर्दा डालने की एक के बाद एक कई कोशिशें की गई। मामले को दबाने के लिए जो SET बनाई गई थी, उसने भी अपनी रिपोर्ट में माना कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ। पूरे प्रदेश में कई FIR दर्ज हुई। हैरानी की बात है कि इस दौरान न सिर्फ नयी शराब बनाई गई बल्कि, पुराने स्टॉक को भी बेच दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि पूरे हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर ने व्यापक तबाही मचाई है। एक तरफ तो हांसी से वेंटिलेटर खाली पड़े होने की ख़बरें सामने आ रही हैं और दूसरी तरफ वेंटिलेटर के अभाव में लोग दम तोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। लोगों को अस्पतालों में न बेड मिल रहे हैं, न ऑक्सीजन, न दवाई मिल रही है वहीँ कोरोना तेजी से बढ़ता जा रहा है जिससे बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। हरियाणा में केवल कोरोना रोगी ही नहीं, जान बचाने वाले वेंटिलेटर को भी ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सरकार का असहाय रूप सामने आया है और लगता है कि पूरा सरकारी सिस्टम ही वेंटिलेटर पर चला गया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि आखिर सरकार कोरोना संकट से जूझ रहे मरीजों के जीवन से कब तक इस तरह खिलवाड़ करती रहेगी?
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