PBK NEWS | नई दिल्ली । मोदी सरकार अब ‘आधार नंबर’ को बेनामी संपत्ति और रियल एस्टेट सेक्टर में लगने वाले कालेधन पर लगाम कसने के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। बैंक अकाउंट, पैन कार्ड और पासपोर्ट के बाद अब आधार नंबर को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए भी अनिवार्य बनाने की योजना तैयार की जा रही है। योजना अमल में आने के बाद किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदने पर आधार नंबर जरूरी होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रोनिक तरीके से करने जा रही है। इसके लिए सरकार संपत्ति कानून 1908 के सेक्शन 32 और 32ए में जल्द ही संशोधन कर सकती है।
बताया जा रहा है कि पॉवर ऑफ अटार्नी की भी जानकारी देनी होगी। दरअसल, अभी तक कानूनी हकदार नहीं होने की स्थिति में उस संपत्ति पर कोई कब्जा कर लेता है और फिर फर्जीवाड़े से अपना बना लेता है। लेकिन आधार नंबर अनिवार्य होने पर ऐसे फर्जीवाड़ों को भी जांच एजेंसियां आसानी से पकड़ लेंगी और जमीन सरकार की हो जाएगी।
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में लंबित रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन के लिए लाए जा रहे विधेयक में आधार को अनिवार्य करना शामिल किया है। यह सिफारिश संसद की स्थाई समिति ने की थी, जिस पर विचार के लिए मंत्रियों की समिति का गठन किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों की समिति ने इस पर अपनी सहमति देते हुए आधार सत्यापन को अनिवार्य बनाने को कहा था। इसके बाद विधेयक का संशोधित प्रारूप तैयार कर कानून मंत्रालय को भेजा गया जिसे हरी झंडी मिल चुकी है। अब विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सूत्रों की मानें तो विधेयक को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।
जानकारों का मानना है कि ये विधेयक पास होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में बेनामी संपत्ति और कालेधन पर लगाम लगाने में काफी मदद मिलेगी।
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