PBK NEWS | नई दिल्ली: भारत में जब ड्रग्स की बात होती है तो सबसे पहले पंजाब का नाम लिया जाता है. युवा के द्वारा ड्रग्स के सेवन को लेकर पंजाब हमेशा सुर्खियों में रहा है. नेता, राजनेता और अभिनेता सब पंजाब में हो रहे ड्रग्स के सेवन को लेकर गंभीर नज़र आते हैं. चुनाव के दौरान ड्रग्स चुनावी मुद्दा बन जाता है तो ड्रग्स को लेकर ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्म भी बन चुकी है. लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे की दिल्ली में एक ‘उड़ता पंजाब’ जैसा इलाका है जहां पर बच्चे ड्रग्स का शिकार हैं. पहली नज़र में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन यह सच है.
यह बात तब खुलकर सामने आई जब ‘सोसाइटी फॉर प्रोमोशन ऑफ़ यूथ एंड मासेस’ ने इस इलाके में एक सर्वे किया. इस सर्वे के दौरान 1414 लोगों का इंटरव्यू किया गया जिसमें से 1012 लोग नई सीमापुरी के थे जबकि 402 पुरानी सीमापुरी के. इंटरव्यू देने वाले में ज्यादा से ज्यादा युवा और बच्चे शामिल थे. करीब 120 दिनों तक चले इस सर्वे में 9 टीम का गठन किया गया था. इस सर्वे में जो नतीजे आये वह चौकने वाले हैं.
सर्वे में हुआ यह खुलासा
इस सर्वे में पता चला कि सीमापुरी के करीब 80 प्रतिशत बच्चे ड्रग्स के आदि हो चुके हैं जिनकी उम्र 7 साल तक की है. इस सर्वे में नशा करने वाले से कई सवाल पूछे गए. सबसे ज्यादा बच्चों ने कहा कि वह अपने दोस्तों की संगत में आकर ड्रग्स लेते हैं. सर्वे में यह पाया गया कि अगर नई और पुरानी सीमापुरी को मिलाकर औसत निकाला जाए तो करीब 49 प्रतिशत बच्चे अपने दोस्त के संगत में इस लत के शिकार हो गए. पुरानी सीमापुरी के 60.19 प्रतिशत बच्चे ऐसा कर रहे हैं जबकि नई सीमापुरी में इसका प्रतिशत 37.45 है.
सर्वे में पता चला कि जो बच्चे नशे का सेवन करते हैं उनके परिवार के कुछ सदस्य भी नशे के आदि हैं. पुरानी सीमापुरी के 8.7 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि आसानी से ड्रग मिल जाता है जिसकी वजह से बच्चे नशे शिकार बनते जा रहे हैं. जबकि नई सीमापुरी में 12.64 प्रतिशत बच्चों ने ऐसा कहा. जब लोगों की यह राय जानने की कोशिश की गई कि क्या उपचार के द्वारा उनकी इस आदत को ठीक किया जा सकता है तो करीब 70 प्रतिशत बच्चों ने हां में जवाब दिया. यानी बच्चे यह सोचते हैं कि अगर सही सलाह और सही ट्रीटमेंट मिले तो वह इस आदत से अपने आपको मुक्त कराना चाहते हैं.
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